भिवानी। प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद काफी संख्या में लोग गलत तरीके से परिवार पहचान पत्र (फैमिली आईडी) बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। हैरानी की बात है कि इस फेहरिस्त में 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 18 वर्ष से कम आयु के किशोर भी शामिल हैं।
प्रदेशभर में 35,750 बुजुर्गों और 322 किशोरों ने अपनी अलग एकल सदस्य फैमिली आईडी बनवा रखी है, जो नियमों का उल्लंघन है। अब सरकार ने ऐसे मामलों की जांच के लिए नागरिक संसाधन सूचना विभाग (क्रीड) को जिम्मेदारी सौंपी है। विभाग की टीमें घर-घर जाकर फैमिली आईडी की जांच करेंगी और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भिवानी जिले में 1979 बुजुर्गों व 17 किशोरों ने एकल सदस्य फैमिली आईडी बनवा रखी है। संवाद
अंबाला से सबसे अधिक 2908 बुजुर्गों ने बनवाई पीपीपी
दरअसल, नागरिक संसाधन सूचना विभाग ने प्रदेशभर में एक परिवार पहचान पत्र में एक ही सदस्यों वाली फैमिली आईडी का डाटा जारी किया है। इसमें अंबाला जिले के सबसे ज्यादा 2908 बुजुर्गों ने अपनी एकल फैमिली आईडी बनवाई हुई है। वहीं, गुरुग्राम जिले में सबसे ज्यादा 36 किशोरों ने एकल फैमिली आईडी बनवा रखी है। सबसे कम पंचकूला जिले के 332 बुजुर्गों का एकल परिवार पहचान पत्र बना है। वहीं, कैथल व कुरुक्षेत्र में 3-3 किशोर एकल फैमिली आईडी में शामिल हैं। अब विभाग द्वारा इन एकल परिवार पहचान पत्रों की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से घर-घर जाकर पीपीपी की जांच करने के लिए सरकारी स्कूल के अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई।

#
जांच के दौरान अपात्र पाने पर देने होंगे ये डॉक्यूमेंट
एकल सदस्य परिवार पहचान पत्रों की जांच के दौरान विभाग द्वारा चयनित किए गए परिवार पहचान पत्रों की जांच की जाएगी। इस दौरान अपात्र पाए जाने पर लोगों को प्राॅपर्टी आईडी, बिजली बिल, घर के साथ परिवार की फोटो व पत्नी को अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करवाना अनिवार्य है।
विभाग द्वारा प्रदेशभर के एकल सदस्य परिवार पहचान पत्रों की जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा एकल सदस्य परिवार पहचान पत्रों को चयनित किया गया है। अब इन परिवार पहचान पत्रों की घर-घर जाकर जांच की जाएगी।
– हेमंत सैनी, जोनल मैनेजर, परिवार पहचान पत्र, भिवानी।