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शहर में शौचालयों की बदहाल दशा ठीक करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। नगर परिषद ने टेंडर तो कर दिया लेकिन इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है। करीब 36 लाख रुपये मरम्मत पर खर्च होने हैं। शहर में कुल 22 सार्वजनिक शौचालय और 11 यूरिनल बनाए गए हैं। महाराणा प्रताप चौक के पास, गोकल गेट, बारा हजारी, नाईवाली चौक और रेलवे रोड स्थित शौचालयों में गंदगी का आलम है। गोकल गेट पर बने शौचालय में सफाई का अभाव है। महाराणा प्रताप चौक के पास व बारा हजारी में बनाए गए शौचालय की हालत बेहद दयनीय है। शहर में पांच स्थानों पर मोबाइल टॉयलेट रखे गए थे जो अब पूरी तरह से खराब हो चुके हैं।
शौचालयों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ
नगर परिषद की ओर से दिसंबर 2024 में 44 लाख 62 हजार रुपये की लागत से 22 शौचालयों और 7 यूरिनल स्पॉट की मरम्मत करवाने के लिए टेंडर जारी किया गया था। कार्य हुआ भी लेकिन खानापूर्ति ही की गई। शौचालयों की दशा में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ।
इनका रखरखाव और साफ-सफाई का काम एक ठेकेदार को सौंपा गया था। लंबे समय से इन शौचालयों की स्थिति बेहद खराब पाई जा रही थी। जगह-जगह गंदगी, दुर्गंध और पानी की किल्लत जैसी समस्याओं को लेकर नागरिक लगातार शिकायत कर रहे थे। शहर के कई शौचालयों में टंकियां टूटी, नल और फ्लश खराब और सीटों की स्थिति भी जर्जर पड़ी हुई है। इसे लेकर ठेकेदार को हटा भी दिया गया था। शहर के लोगों ने जल्द बदहाल शौचालयों की दशा सुधारने की मांग की है।
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रेवाड़ी में शौचालयों की बदहाल दशा, नहीं हो रहा सुधार