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7 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
दशकों पहले, आईआईटी बॉम्बे में मेरे प्रोफेसर संजय गौर ने हमें विशेषज्ञ बनने की सलाह दी, जो शुरुआती वर्षों में भले लुभावना न लगे, लेकिन अगर उस चुने क्षेत्र में पूरी ईमानदारी से टिके रहें और बेहतरी के साथ ग्राहकों को अपीलिंग लगने के लिए कड़ा परिश्रम करें तो जरूर सफल होंगे।
उन्होंने निन्टेंडो एंटरटेनमेंट सिस्टम नामक एक कम ज्ञात जापानी कंपनी का उदाहरण देकर अपनी बात सही ठहराई, जिसने 1980 के दशक में होम वीडियो गेम कंसोल बाजार में प्रवेश किया, और सोनी, हिताची, पैनासोनिक, तोशिबा, फुजित्सु और सान्यो जैसे दिग्गजों की तुलना में सर्वाधिक लाभदायक कंपनी बनी हुई थी, ये सभी छह कंपनियां जापान की हैं!
2007 तक मैं निन्टेंडो के मुनाफे को देखता रहा और पाया कि 75.3 अरब डॉलर की सेल्स करके इसने 15.3% के मार्जिन के साथ 11.5% विशुद्ध मुनाफा कमाया, जबकि ये कंपनी सोनी कंपनी का नौवां हिस्सा ही है।
उस साल सोनी ने 9.5 अरब डॉलर (1.4% वृद्धि) और पैनासोनिक ने 0.9 अरब डॉलर (0.1% वृद्धि) मुनाफा कमाया, जबकि बाकी चारों कंपनियों ने अरबों डॉलर का घाटा उठाया। 2013-14 में जब स्मार्टफोन बाजार में आए, तब मैंने देखा कि मेरे जानने वाले कई टेक्नोलॉजी रिपोर्टर्स ने वीडियो गेम कंसोल कंपनियों की समय से पहले विदाई पर लिखना शुरू कर दिया था।
वो दो साल निन्टेंडो का बुरा दौर रहा और उसने ढेर सारे पैसे गंवाए। तब मेरी भी इसमें रुचि खत्म हो गई थी और उसकी कमाई के आंकड़े देखना बंद कर दिए थे। दो साल बाद उन्होंने ‘स्विच’ लॉन्च किया, जो कि अब अपने आठवें साल में है।
कोविड लॉकडाउन में ‘स्विच’ सर्वाधिक बिकने वाली चीजों में था, जिसकी 14.3 करोड़ यूनिट बिकीं, जिसने सोनी, माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ दिया। इस गेम ने बिक्री में अपने ही गेम जैसे ‘Wii’ को पीछे छोड़ा। जेन ज़ी की पूरी पीढ़ी, जो इन वीडियो गेम के साथ बड़ी हुई, उनके लिए निन्टेंडो वीडियो गेम का पर्याय है।
सोनी के प्लेस्टेशन, माइक्रोसॉफ्ट के एक्सबॉक्स इस दौड़ में आए और दुनिया भर में कंसोल बनाने वालों ने मजबूत हार्डवेयर व बेहतर ग्राफिक्स पर फोकस किया। वहीं निन्टेंडो ने अलग रास्ता लिया। गेम्स में बढ़ती हथियारों की रेस, जहां हिंसक शीर्षक से वयस्कों को टारगेट करते हैं, निन्टेंडो ने इसके बजाय हर वर्ग को लक्ष्य करते हुए मजेदार गेम पर फोकस किया, जिसमें मेरी जैसी उम्र के लोग भी थे, जो गेमर नहीं हैं। अलग किए जा सकने वाले माइक्रोकंट्रोलर के साथ इसने पोर्टेबल कंसोल बनाए, जिसने इसे बाकियों से अलग किया।
बीते सालों में उन्होंने कई गेम कैरेक्टर जैसे सुपर मारियो बनाए, जो घर-घर लोकप्रिय हैं, कम से कम मिलेनियल-जेन ज़ी में। वे दूसरे मीडिया में भी आए जैसे सिल्वर स्क्रीन, यूनिवर्सल थीम पार्क, इसने ऐसे वर्ग को अपील किया, जो हिंसक चीजों से बचना चाहते हैं।
स्मार्ट फोन, वीडियो गेम कंसोल से चुनौतियों के बावजूद, निन्टेंडो की अनूठी स्थिति, खेलों में विशेषज्ञता से उसका इस बाजार पर राज जारी है और 2025 में “स्विच’ का उत्तराधिकारी लॉन्च करने की योजना है।
निन्टेंडो के लिए बतौर उत्पाद गेम्स ने ही उन्हें अस्तित्व में बनाए रखा, जिसने उन्हें चौकस रहने, उत्पादों को समय-समय पर बेहतर करने, नया इनोवेट करने के लिए मजबूर किया, मार्केटिंग टीम को कहा कि वे जमीन से जुड़े रहकर हर आयु वर्ग की जरूरतों पर नजरें गड़ाए रखें, उसके आधार पर रिसर्च टीम से ऐसे उत्पाद बनाने के लिए कहा और अंततः इससे प्रबंधन भविष्य के ट्रेंड को भांप पाया और उसके अनुरूप नए उत्पाद विकसित करने में सावधानी से जोखिम उठा सका।
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