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हरियाणा के कलेसर नेशनल पार्क में 10-12 हाथियों का समूह जंगल में तालाबों में अटखेलियां करता नजर आ रहा है जो की आसपास चर्चा का विषय बना हुआ है.
कलेसर के जंगलों में लगे कैमरे ट्रैप में हाथियों का समूह कैद हुआ है.
परवेज खान
यमुनानगर. हरियाणा के यमुनानगर ज़िले का वन्य जीव प्राणी विभाग कलेसर में राजाजी नेशनल पार्क देहरादून से इन दिनों नये मेहमानों का आगमन हुआ है. वन्य जीव प्राणी विभाग कलेसर नए आए मेहमानों की आव-भगत में लगा हुआ है, नेशनल पार्क में गजराज महाराज अपने परिवार समेत भ्रमण के लिए आया है. नेशनल पार्क में 10-12 हाथियों का एक समूह 10 570 एकड़ में फेले कलेसर जंगल में बने तालाबों में अटखेलियां करता नजर आ रहा है जो की आसपास चर्चा का विषय बना हुआ है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड से सटा यमुनानगर जिले में स्थित कलेसर राष्ट्रीय पार्क इन दिनों सुर्खियों में छाया है. उत्तराखंड के देहरादून से राजाजी नेशनल पार्क से 60 किमी का सफर कर 10 से 12 हाथियों का झुंड कलेसर में विचरण करता नजर आया है. कलेसर के जंगलों में लगे कैमरे ट्रैप में हाथियों का समूह कैद हुआ है.
नेशनल पार्क में बनाए गए तालाब में हाथी नहाते और अटखेलिया करते नजर आ रहे हैं. नए मेहमानों के आवभगत के लिए वन्य जीव प्राणी विभाग भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और दिल खोलकर उनका स्वागत किया जाता है. यमुनानगर वन्य जीव पराणी विभाग भी नए आए मेहमानों की खातिरदारी के लिए तालाबों में ताजा पानी, उनके खाने की सामग्री का पूरा ध्यान रख रहा है. हालांकि, नेशनल पार्क में तीन हाथी पहले से ही रह रहे हैं. वन्य जीव प्राणी विभाग प्रयास कर रहा है कि मेहमान बनकर आए गजराज और उनके परिवार के साथ कलेसर नेशनल पार्क को अपना स्थाई आशियाना बना लें. इन हाथियों में मादा, और छोटे बच्चे भी शामिल हैं.
नेशनल पार्क में नए आए हाथियों के झुंड पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बने हुए हैं. हाथियों की सूचना मिलते ही जंगल सफारी देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में भी रोजाना बढ़ोतरी हो रही है. लीलू राम, इंस्पेक्टर, वन्य जीव प्राणी विभाग, यमुनानगर, ने बताया कि भीषण गर्मी में जब मैदानी इलाके तप रहे हैं. कलेसर का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है. घने जंगलों और प्राकृतिक छांव के कारण यहाँ का मौसम वन्यजीवों के लिए अनुकूल बना रहता है. यही वजह है कि हिमाचल के सिरमौर और उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से हाथी यमुना नदी का जलस्तर कम होने पर कलेसर की ओर रुख करते हैं. यहां की वनस्पति और घने जंगल इन मेहमानों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है.
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