in

Water Dispute: पंजाब सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी, 20 मई तक देना होगा जवाब Chandigarh News Updates

Water Dispute: पंजाब सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी, 20 मई तक देना होगा जवाब Chandigarh News Updates

[ad_1]

हरियाणा को अतिरिक्त पानी के आदेश पर पुनर्विचार के लिए पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पंजाब सरकार की अर्जी पर हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर 20 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

Trending Videos

यह भी पढ़ें: बीएसएफ जवान की वतन वापसी: पुर्नम कुमार ने 22वें दिन रखा सरजमीं पर पांव, पहलगाम हमले के बाद पाक ने पकड़ा था

मान बोले-पंजाब की बड़ी जीत

हाईकोर्ट के नोटिस जारी करने को सीएम भगवंत सिंह मान पंजाब की बड़ी जीत बताते हुए कहा कि पानी के मुद्दे पर हाईकोर्ट में हरियाणा को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने पंजाब की पुनर्विचार याचिका को गंभीर मानकर हरियाणा सरकार को नोटिस भेजा है। मान ने कहा कि कोर्ट ने पानी के बंटवारे पर बीबीएमबी अध्यक्ष के बदले स्टैंड पर भी जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी क्यों चाहिए? बीबीएमबी और हरियाणा दोनों को स्पष्टीकरण देना होगा। मान ने इसे पंजाब सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता बताते  हुए कहा कि पानी के अधिकार की लड़ाई को न्यायिक संबल मिला है। मान ने एक्स पर लिखा कि पंजाब का हक छीनने नहीं देंगे, हर मंच पर लड़ेंगे पानी की लड़ाई। सीएम ने कहा कि यह फैसला पंजाब के जल अधिकारों को लेकर एक निर्णायक मोड़ साबित होगा।

पंजाब सरकार ने याचिका में कहा है कि बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) ने महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर पानी छोड़ने का आदेश प्राप्त किया है। किसी नीति निर्णय या किसी राज्य के अधिकारों पर असर डालने वाला मुद्दा हो, तो उसे बीबीएमबी को नियम 1974 के नियम 7 के तहत केंद्र सरकार को भेजना होता है। पंजाब का कहना है कि यह मामला पहले ही केंद्र सरकार को भेजा जा चुका था और वहां से कोई निर्णय नहीं आया था। इसके बावजूद बीबीएमबी ने 30 अप्रैल को बैठक बुलाकर एकतरफा तरीके से हरियाणा को पानी देने का फैसला कर लिया।

पंजाब ने यह भी बताया कि बीबीएमबी द्वारा दायर याचिका में हरियाणा द्वारा किए गए इंडेंट (जल मांग) का तो उल्लेख किया गया, लेकिन यह तथ्य छिपा लिया गया कि हरियाणा सरकार ने खुद इस मामले को केंद्र सरकार को भेजने की मांग की थी। 2 मई को हुई बैठक में अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया, लेकिन कोर्ट को यह जानकारी नहीं दी गई कि यह निर्णय गृह सचिव द्वारा लिया गया, जबकि बीबीएमबी नियमों के अनुसार गृह सचिव इस विषय पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत प्राधिकारी नहीं हैं। 

पंजाब ने हरियाणा के महाधिवक्ता के उस बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कोर्ट में कहा था कि 2 मई की बैठक केवल कानून-व्यवस्था से संबंधित थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि उस बैठक में जल आवंटन से संबंधित कोई निर्णय लेना वैधानिक रूप से सही नहीं था, क्योंकि यह मामला पहले ही बिजली मंत्रालय को भेजा जा चुका था। इस मामले पर अब जल्द सुनवाई होगी।

[ad_2]
Water Dispute: पंजाब सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी, 20 मई तक देना होगा जवाब

Rewari News: नाबालिग का अपहरण कर यौन उत्पीड़न करने के दोषी को 20 साल की सजा  Latest Haryana News

Rewari News: नाबालिग का अपहरण कर यौन उत्पीड़न करने के दोषी को 20 साल की सजा Latest Haryana News

Rewari News: अनाज मंडियों में सफाई रखने के डीसी ने दिए निर्देश  Latest Haryana News

Rewari News: अनाज मंडियों में सफाई रखने के डीसी ने दिए निर्देश Latest Haryana News