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शहीद भगत सिंह के परिवार की 1955 में हिसार की जमीन से नाता जुड़ा था। पिछले 70 साल से भगत सिंह के भाई, भतीजों का हिसार में आना जाना है। अपनी जमीन पर हो रही खेती को संभालने के लिए आते हैं। शहीद भगत सिंह के भतीजों ने हिसार में अपनी जमीन पर मकान भी बनाया हुआ है।
जिसे अपने सहयोगी को दिया हुआ है। पिछले महीने ही शहीद भगत सिंह के भतीजे अपने सहयोगी रोशनलाल की बेटी की शादी में शामिल होने आए थे।रोशनलाल ने अपने घर में भगत सिंह, उनके परिवार से जुड़ी कुछ पुस्तकें भी सहेज कर रखी हुई हैं।
वर्ष 1955 में संयुक्त पंजाब के समय सीएम प्रताप सिंह कैराें ने 405 स्वतत्रंता सेनानियों के परिवारों को 12.5- 12.5 एकड़ जमीन दी थी। जिसमें शहीद भगत सिंह के भाई कुलतार सिंह, कुलबीर सिंह को भी 12.5,12.5 एकड़ जमीन मिली थी। कुछ साल बाद कुलबीर सिंह के परिवार ने जमीन बेच दी थी। कुलतार सिंह की जमीन आज भी है।
कुलतार के बेटे किरणजीत, जोरावर सिंह अपनी जमीन की संभाल करने आते हैं। कुलतार सिंह ने यूपी के सहारनपुर निवासी धर्मपाल के मुस्लिम परिवार को 1968 में अपनी जमीन बंटाई पर दी थी। जिसमें जमीन की पैदावार का दोनों को आधा आधा हिस्सा मिलता है। कुछ समय पहले धर्मपाल की मौत के बाद अब धर्मपाल का बेटा रोशनलाल इस जमीन पर खेती बाड़ी करता है। कुलतार सिंह ने यहां अपनी जमीन पर मकान बनाकर धर्मपाल के परिवार को दिया था। वर्ष 2016 में उनका मकान हाइवे में आने के कारण तोड़ना पड़ा।जिसके बाद उन्होंने नया मकान बनाकर परिवार को दिया।
भगत सिंह के भतीजों की जमीन पर कास्त करने वाले रोशनलाल ने कहा कि इतने महान क्रांतिकारी का परिवार बेहद साधारण तरीके से रहता है। हमारे हर एक समारोह में शामिल होते हैं। अपने हर एक कार्यक्रम में हमें भी बुलाते हैं। वह लोग हमें अपना परिवार ही मानते हैं। उनकी कुछ किताबें हमारे पास हैं। मेरे पिता भी भगत सिंह के भाइयों से जुड़े किस्से सुनाते थे। मैं भी बच्चों को उनके बारे में बताता रहता हूं।
गांव पीरांवाली के सरपंच गुरविंद्र सिंह ने कहा हमारे गांव का नाम शहीद भगत सिंह के परिवार से जुड़ा है। हमारे के लिए यह बेहद गौरव का विषय है। क्रांतिकारी परिवारों के लिए चार गांव बसाए गए थे। जिसमें ढंढूर में हर साल भगत सिंह की जयंती पर कार्यक्रम होता है। जल्द ही हम पीरांवाली गांव में भी शहीद भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित करेंगे।
पीरावांली निवासी जरनैल सिंह ने बताया कि गांव में शहीद भगत सिंह का परिवार आता जाता रहता है। गांव के लोग भी उनके पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। गांव के गेट पर ही हमने शहीद भगत सिंह का चित्र लगाया है। जिससे प्रेरित होकर युवा देश सेवा के लिए आगे बढ़ते हैं। पिछले महीने भी भगत सिंह के भतीजे आए तो हम उनसे मिले थे।

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VIDEO : 70 साल से जुड़ा हिसार से शहीद भगत सिंह के परिवार से जमीनी नाता