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मुनाफे में चल रहे बिजली निगमों को लगातार निजी कंपनियों को बेचने के विरोध में ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के राजगढ़ रोड स्थित अधीक्षक अभियंता कार्यालय पर यूनिट प्रधान सुरेश रोहिल्ला की अध्यक्षता में विरोध प्रदर्शन किया।
मीटिंग का संचालन यूनिट नम्बर दो वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविन्द्र बिश्नोई ने किया। विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए राज्य कैशियर सुरेंद्र यादव, राज्य उप प्रधान जगमिंदर पुनिया, राज्य कमेटी मेंबर अशोक सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मुनाफे में चल रहे चण्डीगढ़, लखनऊ , वाराणसी, आगरा बिजली निगम को बेचने के लिए तमाम बिजली संसाधनों को नाम मात्र मूल्यों पर परिसंपत्ति को निर्णय कर लिया है।
जिसका पूरे देश के बिजली कर्मचारी व इंजिनियर विरोध कर रहे हैं। चंडीगढ़ बिजली निगम ने पिछले 8 सालों में 1600 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है लेकिन चण्डीगढ़ बिजली निगम की परिसंपत्ति मात्र 850 करोड़ रुपयों में बेचा जा रहा है। इसमें कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य भी समाप्त हो जाएगा उनका परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
मुनाफे कमाने वाले सभी सार्वजनिक उपक्रमों को सरकार धीरे धीरे केंद्र सरकार अडानी अम्बानी को न्यूनतम रेट या कोडियों के दाम बेच रहीं हैं।जिसे बिजली में कार्यरत कर्मचारी व इंजिनियर किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। चण्डीगढ़ बिजली निगम में केवल 10% लाईन लोसिस है जोकि केवल पेरामीटर व लाईनों का ही लोसिस है।
ये बिजली का ढांचा बढ़ी मेहनत के साथ खडा किया गया था। आने वाले समय में महंगी बिजली खरीदने पर आम उपभोक्ता मजबूर होगा। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ने फैसला किया है की सरकार के फैसले के खिलाफ 22 दिसम्बर को लखनऊ, 25 दिसम्बर को चण्डीगढ़ में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा उसमें अगले आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।
हरियाणा बिजली निगम मैनेजमेंट में हरियाणा के बिजली कर्मचारियों की ड्यूटी चण्डीगढ़ में लगाई है उसका यूनियन विरोध करती है ओर हरियाणा से कोई भी बिजली कर्मचारी चण्डीगढ़ में ड्यूटी नहीं करेगा। यदि निगम मैनेजमेंट ने कर्मचारियों से जबरदस्ती की या किसी कारण से दुर्घटना हुई तो हरियाणा में भी बड़ा आन्दोलन होगा।
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