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हिसार में गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन में आज गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। इसी को लेकर सुबह अखंड पाठ का भोग डाला गया। सुबह 11 से दोपहर 12.30 बजे तक अमृतसर के रागी जत्था ने कीर्तन किया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला और गुरु की महिमा का गुणमान किया।
उन्होंने गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें गुरु थे। पिता गुरु तेग बहादुर की मृत्यु के उपरांत 11 नवंबर, 1675 में वह गुरु बने। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक गुरु थे। वर्ष 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया। उन्होंने मुगलों तथा उनके सहयोगियों के साथ 14 युद्ध लड़े। धर्म के लिए समस्त परिवार का बलिदान दिया, जिसके लिए उन्हें ‘सरबंसदानी’ (सर्ववंशदानी) भी कहा जाता है। वह स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक और संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की। वह विद्वानों के संरक्षक थे। शबद कीर्तन के बाद फिर लंगर कार्यक्रम शुरू किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने आकर गुरुद्वारे में माथा टेका।
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VIDEO : हिसार में गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन में आज मनाया गया गुरु गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व