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एनईपी 2020 के तहत नई पहल करते हुए जीजेयू 2025 को वर्ष आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तौर पर मनाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में कुछ एआई बेस्ड (कौशल विकास पाठ्यक्रम) और मूल्य वृद्धि पाठ्यक्रम (वैल्यू इनहांसमेंट कोर्सिज-वीईसी) अनिवार्य रूप से जोड़े जाएंगे। इसका उद्देश्य युवाओं को बदलते युग की चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि पिछले वर्ष विश्वविद्यालय में दो बीटेक कार्यक्रम शुरू किए और इस वर्ष विश्वविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) व साइबर सुरक्षा पर आधारित बीटेक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विभिन्न अनुप्रयोगों पर आधारित कई अल्पकालिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम विद्यार्थियों व पेशेवरों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर गुजविप्रौवि ने सीडीओई के तहत ऑनलाइन यूजी व पीजी कार्यक्रमों में साल में दो बार प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की है।
ओडीएल (ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग) और ऑनलाइन कार्यक्रमों में अधिक नामांकन को प्रोत्साहित करने के लिए हमने मार्केटिंग चैनल पार्टनर (एमसीपी) के साथ साझेदारी की है। इससे शैक्षणिक उद्यमियों को बढ़ावा मिलेगा और विश्वविद्यालय की पहुंच और प्रभाव क्षेत्र का विस्तार होगा।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) की शैक्षणिक, प्रशासनिक, परीक्षा एवं सर्टिफिकेशन से संबंधित सभी कार्यों को पूरी तरह से ईआरपी पोर्टल पर स्थानांतरित किया जाएगा। प्रशासनिक, शैक्षणिक और शोध को और बढ़ावा देने के लिए विश्वस्तरीय सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीकों पर आधारित पाठ्यक्रमों के साथ-साथ, भारतीय ज्ञान प्रणाली के क्षेत्रों में नई पहल की जाएगी। डिजिटल व पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देते हुए, विश्वविद्यालय अपनी सेवाओं की गुणवत्ता, पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि करेगा।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर सहित डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश चाबा, तकनीकी सलाहकार एचआरएम प्रो. संदीप राणा, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. संजीव कुमार, निदेशक आउटरीच प्रो. दलबीर सिंह, उपनिदेशक जनसम्पर्क डा. बिजेन्द्र दहिया व कंसल्टेंट डा. विमल झा उपस्थित रहे।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि विश्वविद्यालय ने नव वर्ष में नई ऊंचाइयों को छूने तथा शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध व नवाचार के क्षेत्रों में अग्रणी बनने का संकल्प लिया है। विद्यार्थियों एवं समाज हित में नए अवसर पैदा करने के लिए और भी नए पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। वर्तमान समय में युवा मन प्राइवेट और विदेशी शैक्षणिक संस्थानों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन गुजविप्रौवि ने इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए विशेष पहल की है।
हमारा प्रयास विश्वविद्यालय की पहचान को मजबूत करने और युवाओं को विभिन्न करियर-उन्मुख पाठ्यक्रमों के लिए आकर्षित करने पर केंद्रित रहा। इस क्रम में विश्वविद्यालय का 360॰ वर्चुअल टूर तैयार कर के वेबसाइट पर डाला गया, जिससे देश-विदेश से कोई भी व्यक्ति विश्वविद्यालय का वास्तविक स्वरूप घर बैठे देख सकता है। इसके परिणामस्वरूप पिछले शैक्षणिक सत्र में, विश्वविद्यालय ने 20 से अधिक स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) और स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम शुरू किए। इनमें से कई पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ानी पड़ी है।
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VIDEO : हिसार जीजेयू 2025 को एआई वर्ष के तौर पर मनाएगी