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बंदरों की समस्या से कादमा के ग्रामीण परेशान हैं। लंबा समय बीतने के बाद भी उन्हें बंदरों से निजात नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों का झुंड छतों से प्लास्टिक की टंकी गिरा देता है जबकि घरों में घुसकर मंदिर से घंटी तक उठा ले जाते हैं। कई बार मांग करने के बाद भी गांव में बंदर पकड़ो अभियान शुरू नहीं हो पाया है। करीब 11 हजार की आबादी वाले कादमा गांव में काफी संख्या में बंदर घूम रहे हैं जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार प्रशासन से गुहार लगाने के बावजूद भी बंदरों की समस्या से निजात नहीं मिल पाने से ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। ग्रामीणों ने रोष जताते हुए बंदरों की समस्या से निजात दिलाने की मांग की। ग्रामीण ताराचंद, मनोहर लाल, रतन सिंह, डाॅ. मुरारीलाल, मांगेराम, विजेंद्र, पवन, कपिल देव, महेंद्र सिंह, राकेश चहल, सुनील, दिलबाग प्रधान व अनिल आदि ने बताया कि गांव के सेठ कालूराम चौक से बस स्टैंड व बाजार की तरफ जाने वाले मुख्य रास्ते पर बंदरों का झुंड बैठा रहता है। यही हाल गांव की अन्य गलियों का है। आलम यह हैकि लोग अपने ही घरों की छतों पर जाने से कतरा रहे हैं। विशेषकर बच्चे, बूढ़े और औरतों को बंदर अपना शिकार बनाते हैं और लोगों से थैले तक छीन ले जाते हैं। इतना ही नहीं मौका पाकर हमला करने से भी बाज नहीं आते जबकि घरों में घुसकर फ्रिज के अंदर से खाद्य सामग्री उठा ले जाते हैं।
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VIDEO : बंदरों का आतंक, छतों से गिरा देते है पानी की टंकी, मंदिरों से उठा ले जाते हैं घंटी…