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फतेहाबाद के पुराने बस स्टैंड के पास स्थित निजी अस्पताल संचालक डॉ. जिम्मी जिंदल से मारपीट, उनका मुंह काला करने और बाजार में घुमाने के मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव की अदालत ने चार पूर्व पार्षदों समेत 9 दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
घटना 28 अक्टूबर 2017 की है, जब डॉ. जिम्मी जिंदल पर छात्रा से छेड़छाड़ और दुष्कर्म का आरोप लगा था। इस घटना से गुस्साए कुछ लोगों ने अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ की, डॉक्टर को पीटते हुए बाहर लाया और उनके कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद मुंह पर कालिख पोतकर पैदल शहर के थाने तक घुमाया गया।
पीड़िता के परिवार का आरोप था कि डॉक्टर ने इलाज के बहाने छात्रा को नशा देकर अपने घर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
कोर्ट का फैसला
सोमवार को अदालत ने पूर्व पार्षदों सहित 9 लोगों को दोषी करार देते हुए तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई। दोषियों में शामिल हैं:
1. राजेंद्र चौधरी उर्फ काका (पूर्व पार्षद, निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ चुका)
2. बलजीत बिट्टा
3. कृष्ण कुमार
4. अनिल कुमार
5. सुभाष पपीया (पूर्व पार्षद)
6. प्रेम सागर
7. सुभाष रायल (पूर्व पार्षद)
8. एडवोकेट वीरेंद्र (पूर्व पार्षद, नगर परिषद चेयरमैन का चुनाव लड़ चुका)
9. रमन कुमार
इस मामले में एक आरोपी गुरमीत सिंह की मृत्यु हो चुकी है।
कोर्ट के फैसले के बाद सभी दोषियों को तीन साल की सजा काटनी होगी। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया के तहत वे ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं।
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