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भारतीय किसान यूनियन नैन के प्रदेशाध्यक्ष जोगिंदर नैन ने प्रदेश सरकार द्वारा खाद, बीज और दवाइयों पर लागू किए गए नए कानून पर तीखा विरोध जताया है। उनका कहना है कि यह कानून किसानों के लिए कोई एहसान नहीं है, बल्कि इसे लागू करवाने के लिए संगठन द्वारा लंबा संघर्ष किया गया है।
जोगिंदर नैन ने बताया कि फरवरी 2024 में उनके संगठन ने हिसार की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में 90 क्विंटल नकली बीज पकड़े थे। इस मामले के बाद उन्होंने सरकार के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर से बातचीत की, जिसमें पता चला कि नकली बीज बेचने पर केवल तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने या 500 रुपए जुर्माने का प्रावधान था। नैन ने कहा, “हमने सरकार से केरल और महाराष्ट्र के उदाहरण दिए, जहां नकली बीज बेचने पर तीन से सात साल की सजा का प्रावधान है। इसके बाद सरकार ने इस कानून में संशोधन किया।”
किसान नेता ने बताया कि उन्होंने जींद जिले के बीज-दवा विक्रेताओं से मिलकर इस कानून को निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन सरकार की सख्त नीति के बावजूद वे मानते हैं कि किसानों की ओर से इस कानून के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना है कि संयुक्त किसान मोर्चा राष्ट्रीय और हरियाणा के किसान इस कानून के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं, और इसे सख्ती से लागू करने के लिए झंडे और डंडे के बल पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही जोगिंदर नैन ने यह भी कहा कि यदि दुकानदार अपनी दुकानों को बंद करके हड़ताल पर बैठते हैं, तो सरकार को इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि हैफेड और अन्य सरकारी दुकानों पर खाद और बीज मिल सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इन दुकानदारों पर शिकंजा कसा है, जिसके चलते वे अब बौखला गए हैं। नैन ने सरकार से इस कानून को सख्ती से लागू करने की अपील की है ताकि किसान बेवजह परेशान न हों।
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