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पश्चिमी विक्षोभ का असर महेंद्रगढ़ जिले में पूरी तरह देखने को मिला है। शनिवार को भी सुबह से बादलवाही है और बारिश होने की संभावना बनी हुई है। हालांकि शुक्रवार को दिनभर बारिश का दौर चला था, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव भी हो गया था। वहीं अनेक जगहों पर वाहन बंद हो गए। दिसंबर माह में बीते पांच साल में सबसे ज्यादा बारिश भी दर्ज की गई।
इस दौरान महेंद्रगढ़ जिले में नारनौल में 67 .2, महेंद्रगढ़ में 37.0, अटेली में 54.0, कनीना में 58.0, नांगल चौधरी में 36.0 और सतनाली में 44.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। अगर बीते वर्ष 2020 की बात करें तो शून्य, 2021 में 6.76, 2022 में शून्य, 2023 में भी दिसंबर माह में बारिश की गतिविधि नहीं देखने को मिली थी। लेकिन इस बार दिसंबर माह में दूसरी बार बारिश होने से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है।
मौसम विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में एक मध्यम श्रेणी का सशक्त पश्चिमी विक्षोभ वीरवार को उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से संपूर्ण मैदानी राज्यों विशेषकर हरियाणा एनसीआर में अल सुबह से तेज गति से हवाओं के साथ गर्ज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश बूंदा-बांदी की गतिविधियों को दर्ज किया गया। इस मौसम प्रणाली के प्रभाव से संपूर्ण इलाके में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। 29 दिसंबर से हवाओं की दिशा बदल कर उत्तरी बर्फीली होने से संपूर्ण इलाके में ठंड विकराल रूप धारण करेंगी।
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VIDEO : नारनौल में सुबह से छाए बादल, बारिश होने की संभावना