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पांच दिन पहले हुई ओलावृष्टि से बाढड़ा क्षेत्र के 17 गांवों की फसलों में काफी नुकसान हुआ है। बुधवार सुबह लाड गांव में किसान सुनील कुमार ने अपनी पांच एकड़ में बिजित मैथी और सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया। वहीं, अन्य किसानों का आरोप है कि 5 दिन बीत जाने के बाद भी अधिकारी फसलों के नुकसान का जायजा लेने नहीं पहुंचे हैं जबकि विभाग कम नुकसान दर्शा रहा है।
बता दें कि ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों समेत अन्य फसलें व सब्जियों की पैदावार काफी प्रभावित हुई है। करीब 20 मिनट की ओलावृष्टि से किसानों की कमर तोड़कर रख दी। वहीं, किसान संगठन व प्रभावित किसान लगातार स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजे देकर नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, लाड गांव तो परेशान किसानों ने प्रभावित फसलों की जुताई तक शुरू कर दी है।
गांव लाड में किसान सुनील कुमार ने ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों पर ट्रैक्टर चला दिया जबकि अन्य किसानों ने भी खेत में खड़ी फसलों की जल्द जुताई करने की बात कही। किसान विकास, सत्यवान व मुखत्यार सिंह आदि का कहना है कि ओलावृष्टि से फसलें 100 प्रतिशत तक नुकसान है। फसलों की कटाई का समय नजदीक था जिसके चलते अब किसी प्रकार की रिकवरी भी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि फसलों में कुछ नहीं बचा है और यदि वे प्रभावित फसलों को काटकर एकत्रित करेंगे तो मजदूरी भी वसूल नहीं होगी। किसान सुनील ने बताया कि उसने दो एकड़ में मैथी व तीन एकड में सरसों की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
ओला लगने के तीन दिन बाद सूखना शुरू हो जाता है पौधा
किसानों का कहना है कि विभाग की ओर से ओलावृष्टि के नुकसान की जो रिपोर्ट तैयार की जा रही है उसमें कम नुकसान दिखाया जा रहा है। विभाग की टीम ने ओलावृष्टि के अगले दिन जायजा लिया है जबकि जिस पौधे पर ओला गिरता है वो दो से तीन बाद सूखना शुरू हो जाता है। शुक्रवार शाम हुई ओलावृष्टि से गांव हंसावासकलां, लाड, किष्कंधा, सूरजगढ़ सहित 17 गांवों में गेहूं, सरसों, जौ, मूली, मैथी व अन्य सब्जियों में नुकसान पहुंचा है।
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VIDEO : दादरी में ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों पर लाड गांव में किसान ने चलाया ट्रैक्टर