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मुख्य परियोजना प्रबंधक केके गोस्वामी ने वीरवार को रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बिल्डिंग के सामने शेड लगाने के लिए बनाए गए पिल्लरों की दूरी अलग-अलग मिली। इस पर उन्होंने अधिकारियों को पिल्लरों की दूरी समान रखने बारे निर्देश दिए। वहीं प्लेटफार्म नंबर-तीन पर बने शौचालय को भी हटाने के निर्देश दिए। शौचालय स्टेशन की सुंदरता को दाग लगा रहा है। इसलिए शौचालय को वहां से हटाया जाए। इसके अलावा स्टेशन नवीनीकरण के चल रहे कार्य को लेकर दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य परियोजना प्रबंधक (सीपीएम) केके गोस्वामी और डिप्टी सीपीएम मनदीप सिद्धू वीरवार को गति शक्ति दिल्ली मंडल अधिकारियों के साथ चेयर कार से 11 बजकर 19 मिनट जींद रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। उन्होंने बिल्डिंग के अंदर से निरीक्षण की शुरुआत की। उन्होंने आईओडब्ल्यू हरीश मल्होत्रा से नवीनीकरण के चल रहे कार्य की बारीकी से जानकारी ली। हालांकि बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। बिल्डिंग के निर्माण की डेडलाइन 30 मार्च है। इसलिए इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए। इसके बाद वह बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर पहुंचे। इस दौरान एईएन श्याम सुंदर, एसएसई शेलेंद्र मिश्रा भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि अमृत भारत योजना के अंतर्गत रेलवे जंक्शन की बिल्डिंग के नवीनीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। इस पर सात-आठ करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। पहले फेज में जंक्शन भवन, अधिकारियों के कार्यालय और यात्रियों की सुविधा के लिए कार्य होने हैं। फ्यूचर बिल्डिंग, शेड, फुट ओवरब्रिज का निर्माण, स्टोर समेत अन्य कार्य दूसरे फेज में होंगे। जंक्शन के नवीनीकरण पर लगभग 25.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे पहले रेलवे जंक्शन भवन की डेडलाइन अप्रैल 2024 दी गई थी, लेकिन उसने बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद डेडलाइन को बढ़ा दिया था।। जंक्शन का नया भवन शानदार और बहुत सी सुविधाओं से लैस होगा। जंक्शन पर 12 मीटर चौड़े फुट ओवरब्रिज का निर्माण होगा। साथ ही प्लेटफॉर्म पर छह स्वचालित सीढिय़ां और चार लिफ्ट लगाई जाएंगी।
मुख्य परियोजना प्रबंधक केके गोस्वामी ने आरपीएफ थाना के भवन को लेकर अधिकारियों से बातचीत की। इस पर अधिकारियों ने बताया कि प्लेटफार्म नंबर-3 पर फुटओवर ब्रिज के पास खाली जगह है, वहां पर निर्माण किया जाए। इसके अलावा अधिकारियों ने प्लेटफार्म नंबर-4 की तरफ भी खाली जमीन के बारे में बताया। वहां पर भी थाने की बिल्डिंग के लिए पर्याप्त जगह है। इस पर मुख्य परियोजना प्रबंधक ने अधिकारियों को जगह का चयन करने बारे दिर्शा-निर्देश दिए।
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