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सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले विभिन्न विभाग के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर जयंती देवी मंदिर के पार्क से लेकर डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा के आवास तक प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिनिधि राजन चिलाना को ज्ञापन सौंपा।
सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान संजीव ढांडा ने कहा कि हरियाणा सरकार पिछले लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करती आ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है। हरियाणा के संदर्भ में प्रदेश का अलग वेतन आयोग गठित किया जाना चाहिए। अगला वेतन आयोग आने से पहले पिछले वेतन आयोग की विभिन्न वर्गों की वेतन विसंगतियां दूर करने व पंजाब के समान वेतनमान की मांग काफी अरसे से लंबित है।
अगला वेतन आयोग लागू होने तक प्रत्येक कर्मचारी को पांच हजार रुपये अंतरिम राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हित के लिए प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करनी चाहिए। सरकार द्वारा जॉब सिक्योरिटी एक्ट के बावजूद एचकेआरएन के कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के फरमान आ रहे हैं। सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों की समस्याओं का एक ही स्थाई समाधान है।
एक समग्र रेगुलराइजेशन की नीति बना कर सबको पक्का कर दिया जाए। वहीं कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर दी गई एक्सग्रेसिया नीति में नौकरी के पहले पांच वर्ष तक और 52 वर्ष की आयु के बाद की शर्त लगा रखी है, जो जोखिम भरे काम करने वाले कर्मचारियों के उचित नहीं है।
सरकार द्वारा 25 वर्ष की नौकरी या 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने की सूचना मांगी गई है, जो कर्मचारियों में भय का वातावरण पैदा करने का प्रयास है। एनएचएम के कर्मचारियों की सेवा शर्तों को बदल कर वेतन कम करना भी गलत है। विभागों में कर्मचारियों की संख्या बहुत ही कम हो चुकी है।
सरकार के खुद के आंकड़ों के अनुसार 2.5 लाख पद खाली पड़े हैं। बजट सत्र से पहले 15 व 16 फरवरी को मुख्यमंत्री के कुरुक्षेत्र कैंप कार्यालय पर दो दिन का धरना दिया जाएगा। इस अवसर पर सुशील ईक्कस, सन्नी पटवारी, मनदीप नेहरा, अनिल शर्मा, राजेश कालीरमन, धर्मबीर, राकेश, अनूप, बिजिंद्र, नरेश पटवारी, राजकुमार, आजाद पांचाल, छाजू नैन व अमित गोयत भी मौजूद रहे।
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