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महिला एवं बाल विकास विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पौली गांव में आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा बीपीएल परिवार की महिलाओं को एक्सपायरी सैनेटरी पैड और चॉकलेट बांटे जाने का मामला प्रकाश में आया है। महिलाओं ने जब चॉकलेट और पैड की वैधता की जांच की, तो पाया कि चॉकलेट की वैधता 5 फरवरी 2025 तक थी, जबकि सैनेटरी पैड 2020 में बने हुए थे, जो अब इस्तेमाल के योग्य नहीं थे।
घटना के बाद पौली गांव की महिलाएं जुलाना स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग में शिकायत दर्ज कराने पहुंचीं, लेकिन वहां उन्हें कोई भी अधिकारी नहीं मिला। गांव की आरती, कविता, पूनम, गीता और सरोज ने बताया कि सोमवार को आंगनवाड़ी वर्कर ने उन्हें सैनेटरी पैड और चॉकलेट वितरित किए थे, लेकिन जब उन्होंने घर पहुंचकर उनकी वैधता देखी, तो दोनों ही एक्सपायरी पाए गए।
स्वास्थ्य के लिए हो सकता था घातक
एक्सपायरी सैनेटरी पैड और चॉकलेट का इस्तेमाल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता था। अगर महिलाओं ने वैधता नहीं देखी होती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता? इस लापरवाही को लेकर महिलाओं ने जांच और कार्रवाई की मांग की है।
जांच के आदेश
इस मामले में सीडीपीओ जुलाना संतोष यादव ने कहा, “हम पूरे मामले की गहनता से जांच करवाएंगे। सुपरवाइजर को गांव में भेजकर छानबीन की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि आंगनवाड़ी वर्कर ने लापरवाही क्यों की है।”

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