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VIDEO : जींद के जयंती देवी मंदिर में 11 हजार कन्याओं का पूजन, 500 से अधिक श्रद्धालु संभालेंगे व्यवस्था haryanacircle.com

VIDEO : जींद के जयंती देवी मंदिर में 11 हजार कन्याओं का पूजन, 500 से अधिक श्रद्धालु संभालेंगे व्यवस्था  haryanacircle.com

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महाभारत कालीन श्री जयंती देवी मंदिर में आज 11 हजार कन्याओं का पूजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर मंदिर परिसर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कन्या पूजन को लेकर मंदिर में विशेष सफाई अभियान चलाया गया। वहीं श्रद्धालुओं में मंदिर परिसर में आयोजित शतचंडी महायज्ञ में आहूति भी डाली।

मंगलवार को कन्याओं को 128 स्कूलों से बस में लाने और वापस छुड़वाने की व्यवस्था कर ली गई है। 29 जनवरी से शुरू हुए दुर्गा सप्तशती 108 पाठ एवं सवा लाख नवार्ण मंत्रों का जाप कर रहे 51 पंडित कार्यक्रम को पूरी तरह से भक्ति रस से सरोबार किए हुए हैं। प्रतिदिन मंदिर प्रांगण में सैंकड़ों श्रद्धालु पहुंच कर मां भगवती की अराधना कर रहे हैं। 11 फरवरी मंगलवार को गुप्त नवरात्रों के समापन और मां जयंती के प्रकटोत्सव पर पूर्णाहुति होगी। श्री जयंती देवी मंदिर सिद्धपीठ है और इसका वर्णन प्राचीन ग्रंथो में भी वर्णित है।

श्री जयंती महायज्ञ एवं कन्या पूजन उत्सव 2025 का मुख्य उद्देश्य समाज में समरसता, सौहाद्र्रता, आपसी भाईचारा, प्रेम स्थापित करना है। आज समाज में विभिन्न प्रकार की कुरीतियां पैदा हो रही हैं, जिन्हें धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन का असली महत्व यह है कि हम समाज को कन्या का महत्व बता पाएं। कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और बेटी को बचाना इसका असली मकसद है। अगर बेटी बचेगी तभी सृष्टि बचेगी। बेटी के बिना सृष्टि का कोई अर्थ ही नहीं है। उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

भव्य कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए 500 श्रद्धालु बने वालंटियर
11 हजार कन्याओं के पूजन भव्य कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए 500 श्रद्धालु वालंटियर के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे। मानव कल्याण के लिए गुप्त नवरात्रों के दिनों में 14 दिनों के दौरान चली पूजा-अर्चना के महत्व को देखते हुए हजारों लोग समापन समारोह में पहुंचते हैं। समापन समारोह में जो भंडारा लगेगा, उसमें करीब 16 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। इस दौरान मुख्यातिथि के तौर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, कैबिनेट मंत्री डा. अरविंद शर्मा, कै बिनेट मंत्री कृष्ण बेदी सहित अनेकों नेता और प्रशासनिक अधिकारी तथा संत समाज से जुड़े खास चेहरे शिरकत करेगें।

जयंती देवी मंदिर के नाम से नगर का नाम जींद पड़ा
जयंती देवी मंदिर के नाम से इस नगर का नाम जींद पड़ा है। पांडवों ने महाभारत का युद्ध लड़ने से पहले अपनी सफलता के लिए विजय की देवी जयंती देवी मंदिर का निर्माण करके श्रद्धापूर्वक देवी की आराधना की। जयंती देवी की आराधना के बाद ही पांडवों ने कौरवों के विरुद्ध सत्य समर्पित महासंग्राम किया। जो महाभारत के रूप में विश्वविख्यात हुआ। पुरातन भौगोलिक स्थिति में वर्तमान जींद जिला कुरुक्षेत्र का अभिन्न अंग रहा है। माता जयंती देवी की प्राकट्य दिवस के उपलक्ष में यह कन्या पूजन एवं श्री जयंती महायज्ञ का आयोजन किया जाता है। मंदिर में कन्या पूजन के लिए सवा दो क्विंटल घी का हलवे का प्रसाद बनाया जाएगा। छोले की सब्जी और पुरियों के साथ कढ़ी चावल का प्रसाद भी लोगों को मिलेगा। 38 साल पहले नौ कन्याओं से शुरू हुआ पूजन अब 11 हजार कन्याओं से भी पार पहुंच चुका है। -नवीन शास्त्री पुजारी श्री जयंती देवी मंदिर।

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