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केंद्रीय गेहूं व जौ अनुसंधान केंद्र करनाल के वैज्ञानिकों की एक टीम बुधवार को बरवाला क्षेत्र के गांव बहबलपुर पहुंची। टीम ने फील्ड विजिट के दौरान गेहूं और जौ की नई किस्मों का निरीक्षण किया और किसानों से उनकी फसल संबंधी फीडबैक लिया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत किस्मों और उनके फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
हिसार केंद्र के प्रमुख संतोष बिश्नोई ने किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि अनुसंधान केंद्र द्वारा विकसित सिफारिशशुदा किस्मों का चयन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहले जहां कम उत्पादन देने वाली किस्मों पर निर्भरता थी, अब 70 से 80 मण प्रति एकड़ तक उपज देने वाली किस्में उपलब्ध हैं। यदि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती करें तो उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग किया जा सकेगा।
उन्होंने किसानों को आगाह किया कि इस समय गेहूं की फसल पकने की स्थिति में है और अगले 10 से 15 दिनों में कटाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में फसल में पानी देने से बचें, क्योंकि इससे फसल गिरने का खतरा बढ़ सकता है। समय पर कटाई कर फसल को सुरक्षित रखने की सलाह भी दी गई।

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VIDEO : केंद्रीय गेहूं व जौ अनुसंधान केंद्र करनाल की टीम पहुंची हिसार के बहबलपुर, किसानों को दी नई किस्मों की जानकारी