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प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक सरस्वती नदी पुनर्जीवन परियोजना के तहत रामपुर हेरिया, कॉम्बियन और छिलोर गांवों में 350 एकड़ में सरस्वती सरोवर बनाने की योजना का शुभारंभ किया है।
हरियाणा हैरिटेज बोर्ड के उपाध्यक्ष घुमन सिंह किरमच ने जानकारी दी कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सरस्वती नदी में सालभर जल प्रवाह सुनिश्चित करना और इसे धार्मिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय दृष्टि से संरक्षित करना है। पहले चरण में नदीतल का विकास किया जाएगा, जिससे नदी में 12 महीने पानी उपलब्ध रहेगा और जलस्रोतों को संरक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह परियोजना हरियाणा के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगी। सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना को जल संरक्षण तकनीकों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से जल्द पूरा करने के प्रयास में जुटी है, जिससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी और भूजल स्तर को भी मजबूती मिलेगी।
प्राचीन ग्रंथों और ऐतिहासिक शोधों में सरस्वती नदी को ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस परियोजना को धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित करने का भी प्रयास किया जा रहा है, जिससे यह स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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VIDEO : कुरुक्षेत्र में 350 एकड़ में बनेगा सरस्वती सरोवर, 12 महीने रहेगा पानी