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गुरुग्राम के सिलोखरा गांव के जोहड़ के जीर्णोद्धार कराने के मामले में शुक्रवार को एनजीटी में सुनवाई हुई। इसमें एनजीटी ने 26 मार्च तक जोहड़ को विकसित करने का समय जीएमडीए को दिया है। 27 मार्च को इस मामले में सुनवाई होगी।
साउथ सिटी-एक निवासी परमजीत सिंह समेत अन्य ने साल 2022 में एनजीटी में एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था 30 साल पहले गांव सिलोखरा में जोहड़ होता था। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने जोहड़ की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था और जोहड़ को मलबे और मिट्टी से भर दिया गया। बाद में यह जमीन जीएमडीए को ट्रांसफर हो गई। जीएमडीए ने अपनी कार्ययोजना बनाकर तोहड़ का विकास एक निजी कंपनी के सीएसआर के तहत करा दिया था।
लोगों ने एनजीटी को बताया था कि जोहड़ का विकसित करने में पहले से पास नक्शे में बदलाव कर दिया गया। जबकि, इसकी एनजीटी से मंजूरी नहीं ली गई। इस पर एनजीटी ने सख्त कार्रवाई करने की बात कहीं थी। इसके बाद जीएमडीए की टीम ने विकसित हुए जोहड़ की ग्रिल, ईंट और मिट्टी को हटाने का काम शुरू कर दिया था। हालांकि जीएमडीए अगस्त तक का समय चाहता था लेकिन एनजीटी ने 26 मार्च तक का समय दिया है।
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VIDEO : एनजीटी के अनुसार विकसित होगा सिलोखरा का जोहड़, 26 मार्च तक करना होगा जीर्णोद्धार