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जिंदगी में कुछ करने के सपने लेकर कभी जंगल तो कभी समुद्र से होते हुए किसी तरह कैंप तक पहुंचे तो वहां भी बुरी तरह से मानसिक तौर पर परेशान किया जाता रहा। कभी सर्दी के बावजूद एसी ऑन कर दिया जाता तो कभी बाहर बैठने को मजबूर कर दिया जाता था। आधे पेट खाने के लिए भी कई-कई चक्कर काटने पड़ते थे। यहां तक कि रात में पांच-पांच बार एटेंडेंस देनी पड़ती थी, जिस कारण सो भी नहीं पाते थे। उम्मीद थी कि शायद ये यातनाएं सहन करने के बाद उनके सपनों को पंख लग सके, लेकिन दो फरवरी को उन्हें अपराधियों की तरह हाथों में हथकड़ी व पांवों में बेड़ियां डालकर बस के जरिये आर्मी के प्लेन तक पहुंचाया और फिर भारत भेज दिया गया। यह व्यथा अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए हरियाणा के कुरुक्षेत्र के इस्माईलाबाद के रोबिन सिंह ने सुनाई। आपबीती सुनाते हुए रोबिन का गला भी भर आया।
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VIDEO : अमेरिका से लौटा कुरुक्षेत्र का रोबिन सिंह, दर्द भरी दास्तां सुनाते हुए रो पड़ा