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किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है बागवानी विभाग की हाईटेक ग्रीन हाउस नर्सरी। बागवानी विभाग की नर्सरी में इनदिनों गर्मी के मौसम की सब्जियों तरबूज, खरबूजा, खीरा, करेला आदि की पौध तैयार हो रही है। अगैती यानी मौसम शुरू होने से पहले मौसम की सब्जियों के अलावा ज्यादा लाभ देने वाली सब्जियों की पौध भी यह नर्सरी तैयार करती है। इस नर्सरी में ग्रीन हाउस गर्मी और सर्दी के मौसम का प्रभाव नहीं होने और मिट्टी की जगह कोकोपिट, वर्मीकुलाइट और परलाइट में पौध तैयार करने के कारण पौधे कही लेकर जाने के लिए हल्के होते हैं। इनमें नमी बनी रहती है, जड़ें बाहर नहीं निकलती। इसलिए हर बीज से एक ओर पौधा तैयार हो जाता है।
गुरुग्राम के किसान इस नर्सरी में व्यवसायिक रूप से लाभकारी सब्जियां, पीली, लाल, हरी यानी रंगीन शिमला मिर्च, ब्रोकली के अलावा, अगैती की सब्जियों टमाटर, बंद गोभी, फूल गोभी, खीरा, बैंगन, तोरी, करेला, तरबूज, खरबूज, घीया आदि के पौधे तैयार कर उसे अपने खेतों में लगाने के लिए ले जा रहे हैं। इस नर्सरी में अत्यधिक सर्दी और अत्यधिक गर्मी का असर बीजों के पौधा बनने में नहीं लगता और हर बीज से पौधा बन जाता है,इसलिए बर्बादी की गुंजाइश नहीं होती है।
जिला बागवानी अधिकारी नेहा यादव के मुताबिक हरियाणा के बहुत सारे किसान इसका लाभ ले रहे हैं। करीब छह लाख पौधे एक साथ यहां तैयार हो जाती है। बेल वाली एक पौध के लिए किसानों एक रुपया 20 पैसे प्रति पौध और बिना बेल वाली जैसे टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च आदि के लिए एक रुपया 40 पैसा प्रति पौध चुकाना होता है मगर सरकार किसानों के सामान्य पौध पर एक रुपया और पॉलीहाउस के पौधे जैसे लाल, पीली शिमला मिर्च, खीरा आदि के लिए चार रुपये 25 पैसे की सब्सिडी भी देती है। ऐसे में किसानों को सामान्य पौधे के लिए अपने बीज देने के अलावा 20 से 40 पैसे खर्च होते हैं। पॉलीहाउस पौधों में बीज के खर्च का बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में मिल जाता है। हाईटेक ग्रीन हाउस नर्सरी की विशेषज्ञ सोनू यादव ने बताया कि किसान अपने बीज देते हैं, जिसे हम तैयार कर देते हैं।
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VIDEO : अगैती की सब्जियों के लिए बागवानी विभाग की हाईटेक ग्रीन हाउस नर्सरी का लाभ ले रहे किसान