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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने बुधवार को सिटी नागरिक अस्पताल में चल रहे मदर स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एमएसएनसीयू) प्रोजेक्ट का जायजा लिया। करीब दो घंटे तक टीम में शामिल डब्ल्यूएचओ मुख्यालय से डॉ. सैचियो व कर्नाटक से डॉ. सुमन राव ने प्रसूति वार्ड व एमएसएनसीयू वार्ड में जाकर डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर से बातचीत की। साथ ही उन्हें कुछ सुझाव भी दिए। सोसायटी फॉर अप्लाइड स्टडीज न्यू दिल्ली के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. वीके आनंद ने बताया कि वह गवर्नमेंट ऑफ हरियाणा के साथ मिलकर एमएसएनसीयू प्रोजेक्ट चला रहे हैं। जिसमें कमजोर बच्चों को मां के साथ एमएसएनसीयू में एक साथ रखकर देखभाल की जा रही है। छोटे बच्चों को इंफेक्शन से बचाने के लिए मां की त्वचा के साथ रखते हैं। इससे बच्चा गर्म भी रहता है और मां स्तन पान अधिक से अधिक करवा सकती है। इसके कंगारू केयर भी कहा जाता है।
जल्द ही यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व पंचकूला में चलेगा प्रोजेक्ट
डॉ. वीके आनंद ने बताया कि अंबाला में यह एमएसएनसीयू का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। जो अच्छा चल रहा है। ज्यादा से ज्यादा को इसका लाभ उठाना चाहिए। जल्द ही यह प्रोजेक्ट यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकूला में चलाया जाएगा। नागरिक अस्पतालों में इसके वार्ड बनाए जाएंगे। जैसे ही बच्चा पैदा होता है तो उसे मां की छाती पर रखा जाता है। पहले नवजात को जन्म के बाद ही किसी ट्रे या किसी परिजन की गोद में रखते थे। ऐसे में इंफेक्शन फैलने का खतरा मंडराता रहता था।

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