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अंबाला शहर निवासी जितेश के पिता सुशील कुमार ने बताया कि वह एक रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि एजेंट के बहकावे में आकर जितेश अमेरिका चला गया था। छह महीने बाद वह 19 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था। इसी दौरान जितेश को अमेरिकी पुलिस ने पकड़ लिया। वहां से सीधा उसे डिपोर्ट कर दिया गया। अमेरिका जाने में करीब 40 से 45 लाख रुपये लग गए। इस रुपये का इंतजाम बड़ी मुश्किल से किया था। इस धनराशि के इंतजाम के लिए दुकान का सामान बेचा और रिटारमेंट के रुपये तक लगा दिए। हमें एजेंट ने कहा था कि बेटा एक किलोमीटर भी पैदल नहीं चलेगा। जितेश को जहाज या टैक्सी से अमेरिकी बॉर्डर तक ले जाएंगे। मगर हकीकत में बड़ी कठिनाइयों और जंगलों से होते हुए जितेश पहुंचा। पिता सुशील कुमार ने मांग की उनके रुपये वापस कराए जाएं और एजेंट के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो। अब बेटे को कहीं न कहीं काम पर लगाएंगे।
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