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अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के चलते धर्मनगरी स्थित पवित्र ब्रह्मसरोवर के तट विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति से सराबोर हैं, जिन्हें देखने के लिए पर्यटक भी दूर-दराज से हजारों की संख्या में हर रोज पहुंच रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र का पारंपरिक लोक नृत्य धनगरी गाजा अपनी खास पहचान बनाए हुए हैं, जिसे देख पर्यटक दंग रह जाते हैं।
महाराष्ट्र के सांगली से पहुंचे कलाकार अपने हुनर के चलते इस नृत्य से समां बांध रहे हैं तो वहीं पीढि़यों से चले आ रहे इस लोक नृत्य को गीता महोत्सव के जरिए देश-दुनियां तक पहुंचा कर जीवंत कर रहे हैं।
भगवान शंकर के तांडव की तर्ज पर किया जाने वाला धनगरी गाजा, महाराष्ट्र का एक पारंपरिक लोक नृत्य माना जाता है। यह नृत्य, महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले के साथ-साथ कृष्णा नदी के किनारे पर बसे सांगली के चरवाहों, भैंस व भेड़-बकरी पालने वालों, और कंबल बुनकरों द्वारा किया जाता है। इस नृत्य को धनगर समुदाय के लोग करते हैं, जिन्हें स्थानीय बोली में धनगर कहा जाता है।
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VIDEO : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में महाराष्ट्र का धनगरी गाजा लोक नृत्य, जिसमें दिखाई देती है भगवान शंकर के तांडव की झलक