सरकार से करोड़ों रुपये फंड लेने के बाद भी विकास कार्य लंबित हैं। इन विकास कार्यों और खर्चे की जानकारी लेने के लिए जब मंगलवार सुबह हरियाणा के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज नगर परिषद पहुंचे तो अधिकारी कोई संतुष्ट जवाब नहीं दे पाए और न ही खर्च से संबंधित कोई सूची दिखा सके। वहीं पूर्व मंत्री के गुस्से से बचने के लिए नगर परिषद के अधिकारियों ने खानापूर्ति के नाम पर एक आधी-अधूरी सूची उन्हें थमा दी। इसमें न तो विकास कार्यों की सही जानकारी दर्ज थी और न ही सरकारी फंड का जिक्र था। कितना पैसा खर्च हुआ और कब-कब और किस-किस कार्य पर लगा इसकी तक जानकारी नहीं थी। सूची देखते हुए पूर्व गृहमंत्री को गुस्सा आ गया और उन्होंने लिस्ट को जमीन पर पटक दिया। वहीं चेतावनी देते हुए अधिकारियों को तीन दिन का समय दिया कि वो अपने खातों और सूची को सही कर लें, अन्यथा परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।