ख़बर सुनें
विस्तार
हरियाणा के बहादुरगढ़ शहर के दयानंद नगर निवासी कनिका राठी ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 64वां रैंक हासिल किया है। कनिका की सफलता से उनके परिवार व जान-पहचान के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। सोमवार को कनिका को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। सफलता हासिल करने की ठान रखी थी, इसलिए कनिका ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की सरकारी नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा दी।
करीब 32 साल से दयानंद नगर की गली नंबर-2 में रह रहे नरेश राठी की 28 वर्षीय बेटी कनिका शुरुआत से ही प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं। हालांकि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी वर्ष 2015 में शुरू की थी। शहर के बाल भारती स्कूल से 12वीं कक्षा पास करने के बाद दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से गणित के साथ बीएससी पास किया।
दिल्ली में करोल बाग स्थित एक कोचिंग सेंटर से एक साल तक कोचिंग ली और 2016 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी। सफलता नहीं मिली तो 2017 में फिर प्रयास किया और सफल नहीं हुई तो सरकारी जॉब के लिए तैयारी शुरू कर दी। अशोका यूनिवर्सिटी से लिबरल स्टडीज में पीजी भी किया।
वर्ष 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय में नौकरी मिल गई। दो साल तक पटना में आईबी में नौकरी की। लेकिन लक्ष्य आईएएस बनना ही था। इसलिए माता-पिता की सहमति से 2020 में सरकारी नौकरी छोड़कर घर लौट आई और तैयारी करते आईसीएस (प्री) की परीक्षा पास की। फिर 2022 की मेन परीक्षा में सफलता पाई। कनिका ने बताया कि गत 30 अप्रैल को साक्षात्कार के बाद 30 मई को परिणाम आया तो 64वें रैंक पर अपना रोल नंबर देख वह खुशी से उछल पड़ीं।
कनिका तीन बहन-भाइयों में मझली हैं। बड़ी बहन वनिता विवाहित हैं और छोटा भाई अमन बीएससी के बाद एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण से रिटायर्ड कनिका के पिता नरेश राठी ने बताया कि उनके खानदान में बेटियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाता रहा है।
कनिका ने दिल्ली में अंग्रेजी के पीजीटी रहे अपने दादा स्व. दलजीत सिंह राठी का घर में एक आईएएस बनने का सपना पूरा किया है। कनिका की सफलता से उनकी मां नीलम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जोकि दिल्ली के घेवरा स्थित सर छोटूराम पब्लिक स्कूल में अध्यापिका हैं।
सिर्फ 5-6 घंटे की पढ़ाई
कनिका ने बताया कि स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बनने के बजाय सरकारी सेवा में जाना पसंद करेगी, और सरकारी सेवा में आईएएस ही सर्वश्रेष्ठ है। कनिका हर रोज 12-14 घंटे के बजाय केवल 5-6 घंटे ही मन लगाकर पढ़ती थीं। उन्होंने कोचिंग से साल भर तक मार्गदर्शन तो जरूर लिया, लेकिन स्वाध्याय को तवज्जो दी,, यूट्यूब से मदद ली। कनिका को घर में बागवानी करने और पेटिंग करने का शौक है। फेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़ी जरूर हैं लेकिन सक्रिय नहीं रहती।
.