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Uchana Election Results 2024: कांग्रेस, जजपा और भाजपा के प्रत्याशी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उचाना विधानसभा क्षेत्र में चल रही चुनावों की मतगणना के छठे राउंड के परिणाम सामने आए हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह ने भाजपा के देवेंद्र अत्री को 2236 वोटों से पीछे छोड़ते हुए महत्वपूर्ण बढ़त बनाई है। वर्तमान में, बृजेंद्र सिंह के खाते में 20873 वोट हैं, जबकि देवेंद्र अत्री ने 17637 वोट प्राप्त किए हैं।
अन्य उम्मीदवारों के वोट इस प्रकार हैं:
- जेजेपी के दुष्यंत चौटाला: 3936 वोट
- निर्दलीय दिलबाग सडिल: 4460 वोट
- निर्दलीय वीरेंद्र घोघडिया: 8620 वोट
- निर्दलीय विकास काला: 4360 वोट
बृजेंद्र सिंह की यह बढ़त उनके समर्थकों में उत्साह का संचार कर रही है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि यह रुख बना रहा, तो उनकी जीत की संभावनाएं काफी मजबूत हो जाएंगी।
उचाना विधानसभा क्षेत्र की चौथे राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह ने 4110 मतों की बढ़त बनाई है। बृजेंद्र सिंह को अब तक 18494 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के देवेंद्र अत्री 14384 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं।
जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दुष्यंत चौटाला इस राउंड में 3069 मतों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। इसके अलावा, निर्दलीय उम्मीदवार दिलबाग सडिल 3987 वोटों के साथ महत्वपूर्ण स्थान पर हैं, जबकि वीरेंद्र घोघडिया ने 6789 वोट प्राप्त किए हैं। निर्दलीय विकास काला भी 3216 वोटों के साथ मुकाबले में बने हुए हैं।
चौथे राउंड की गिनती के बाद कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह की बढ़त ने पार्टी समर्थकों में खुशी का माहौल पैदा कर दिया है। जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों की भी अच्छी स्थिति रही है, जिससे चुनावी समीकरण और अधिक रोचक हो गए हैं।
मतगणना अभी जारी है, और अगले राउंड में परिणामों का और अधिक स्पष्ट होना उम्मीद की जा रही है। सभी की निगाहें अब इस महत्वपूर्ण चुनावी दौड़ पर टिकी हुई हैं।
जींद की जाट बहुल उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में चुनाव कड़े मुकाबले में फंसा दिख रहा है। यहां कांग्रेस से पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह, जजपा से पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और भाजपा से देवेंद्र अत्री मैदान में हैं। कांग्रेस के बागी वीरेंद्र घोघड़ियां भी रेस से बाहर नहीं हैं। देवेंद्र अत्री ब्राह्मण चेहरा हैं, बाकी प्रत्याशी जाट समाज से आते हैं। अगर जाट मतदाताओं के वोट बंटे तो भाजपा प्रत्याशी मैदान मार सकते हैं।
किसान आंदोलन का विरोध भाजपा के साथ ही बाकी प्रत्याशियों के साथ भी किसी न किसी रूप में देखने को मिल सकता है। किसान आंदोलन के कारण दुष्यंत चौटाला का पहले विरोध हो रहा था, हालांकि अब यह विरोध छंटता नजर आ रहा है। वहीं, किसान आंदोलन के समय भाजपा से सांसद रहे बृजेंद्र सिंह अब कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। उनको भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि उनके लिए पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह की तैयार की हुई जमीन है। भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र अत्री भी धीरे-धीरे अपना चुनाव प्रचार चरम पर ले आए हैं। निर्दलीय प्रत्याशी वीरेंद्र घोघड़ियां की रैली में जिस प्रकार लोगों की भीड़ उमड़ी उससे उनकी अहमियत का अंदाजा लग गया है। यह कहना मुश्किल है कि कौन सा प्रत्याशी बाजी मार ले जाएगा।
एक्स फैक्टर
जाट मतदाता निर्णायक रहते हैं, लेकिन जाट प्रत्याशियों में वोट बंटे तो भाजपा को लाभ मिल सकता है।
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