Team India की ताकत ही बन गई कमजोरी, एक खिलाड़ी की छुट्टी ने उड़ाई रोहित की नींद; हार के डर से बदल दिया प्लान


हाइलाइट्स

भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट 9 फरवरी से नागपुर में
ऑस्ट्रेलिया का जो डर, वो टीम इंडिया की परेशानी भी बढ़ा सकता है

नई दिल्ली. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच 9 फरवरी से नागपुर में खेला जाएगा. टेस्ट सीरीज के शुरू होने से पहले ही पिच को लेकर किचकिच शुरू हो गई है. ऑस्ट्रेलिया की टीम यह मानकर चल रही है उसे भारत में टर्निंग ट्रैक पर खेलना होगा. इसी वजह से ऑस्ट्रेलियाई टीम बैंगलुरु में स्पिन गेंदबाजों के मददगार विकेट पर ही प्रैक्टिस कर रही.

रविचंद्नन अश्विन की चुनौती से पार पाने के लिए उनके जैसा एक्शन वाले भारतीय गेंदबाज तक को ट्रेनिंग के लिए बुला लिया. लेकिन, भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के दिमाग में कुछ और ही चल रहा. इन दोनों ने जिन 4 शहरों में टेस्ट मैच होने हैं, वहां के पिच क्यूरेटर से टर्निंग ट्रैक के बजाए टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से बेहतर विकेट तैयार करने को कहा है.

यह खबर ऑस्ट्रेलिया के लिए जरूर राहत भरी होगी. क्योंकि कंगारू टीम 2004 से भारत में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है और हर बार भारतीय स्पिन गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को परेशान किया है. ऐसे में अगर बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज में टर्निंग ट्रैक नहीं मिला तो ऑस्ट्रेलिया के पास 19 साल का सूखा खत्म करने का बेहतर मौका होगा.

रोहित ने अच्छा टेस्ट विकेट मांगा
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करने वाले सूत्रों के मुताबिक, जिन 4 वेन्यू पर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट खेले जाने हैं, वहां के पिच क्यूरेटर को भारतीय टीम मैनेजमेंट की तरफ से यह कहा गया है कि वो ऐसी पिच तैयार करें, जो पूरे 5 दिन के लिए अच्छे टेस्ट मैच की गारंटी दे.

स्पिन अब भारत की ताकत नहीं, कमजोरी
अब टीम इंडिया क्यों पूरी तरह टर्निंग ट्रैक से परहेज कर रही है. इस सवाल का जवाब बड़ा आसान है. बीते कुछ सालों में भारतीय बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाने में संघर्ष करते नजर आए हैं. विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज भी बड़ी आसान से स्पिन गेंदबाजों का शिकार हो रहे. ऋषभ पंत भी इस टेस्ट सीरीज में टीम का हिस्सा नहीं हैं. जो स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ काउंटर अटैकिंग क्रिकेट खेलते हैं. पहले टेस्ट में श्रेयस अय्यर भी नहीं होंगे. जो स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ अच्छी बैटिंग करते हैं. इसी वजह से रोहित और राहुल ऐसी टेस्ट पिच चाह रहे, जिसमें टर्न हो तो लेकिन ऐसा नहीं कि जिसपर ऑस्ट्रेलिया के अनुभवहीन गेंदबाज भी फायदा उठा लें.

भारत ने सोच समझकर इस टेस्ट सीरीज के लिए वेन्यू चुने हैं. पहला टेस्ट नागपुर, दूसरा दिल्ली, तीसरा धर्मशाला और चौथा अहमदाबाद में खेला जाएगा. भारत में फरवरी में सुबह के वक्त हल्की ठंड रहती है. ऐसे में शुरुआती घंटों में तेज गेंदबाजों को पिच से मदद मिल सकती है. लेकिन, बाद में स्पिन गेंदबाज खेल में आ सकते हैं. दिल्ली और धर्मशाला में विकेट धीमा रह सकता है.

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इस तरह के विकेट पर भारतीय बल्लेबाज खेलने के आदी हैं. वहीं, ऑस्ट्रेलिया को धीमे और कम उछाल वाले विकेट परेशान कर सकते हैं. क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में अतिरिक्त उछाल रहता है. ऐसे में भारत अगर अपनी रणनीति के तहत खेला तो फिर सीरीज जीतने से उसे रोकना ऑस्ट्रेलिया के लिए मुश्किल होगा.

Tags: Border Gavaskar Trophy, India vs Australia, Rahul Dravid, Rishabh Pant, Rohit sharma

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