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Success Story, Lieutenant Commander Yashaswi Solankee: हरियाणा के एक छोटे से कस्बे की लड़की, जिसकी आंखों में बचपन से ही वर्दी पहनने का सपना था.आज वह इतिहास रच चुकी है.यह कहानी है लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी की.अब यशस्वी भारत की राष्ट्रपति की पहली महिला ADC (एड-डि-कैंप) बन गई हैं. यह पद आजादी के बाद पहली बार किसी महिला नौसेना अधिकारी को मिला है.जिसके बाद वह चर्चा में है.आइए आपको बताते हैं कि एक छोटे से कस्बे से निकली लडकी ने यह मुकाम कैसे हासिल किया?
Yashaswi Solankee ADC: हरियाणा की बेटी ने लिखा नया इतिहास
2012 में जॉइन की नौसेना
यशस्वी ने 2012 में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय नौसेना की लॉजिस्टिक्स ब्रांच जॉइन की. एक दशक तक सेवा देने के बाद आज वे देश की सबसे प्रतिष्ठित जिम्मेदारियों में से एक संभाल रही हैं.अब उन्हें राष्ट्रपति की एडीसी नियुक्त किया गया है.नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि यशस्वी को यह मौका उनकी मेहनत,अनुशासन और नेतृत्व क्षमता के कारण मिला है.राष्ट्रपति खुद अपनी टीम के ADC चुनते हैं और यशस्वी का चुना जाना उनकी कार्य कुशलता को साबित करता है.
ADC की भूमिका क्या होती है?
ये सपना जैसा लग रहा है
9 मई 2025 का दिन यशस्वी के जीवन में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. जब उन्हें बताया गया कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की नई ADC होंगी, तो उनकी पहली प्रतिक्रिया थी–क्या ये सच है?.उन्होंने कहा मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी हो सकता है. ये मेरे लिए गर्व और सम्मान का पल है.
पहली नहीं, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी
2019: लेफ्टिनेंट गनीवी लालजी को आर्मी कमांडर का ADC बनाया गया था.
2023: स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पढ़ी मिजोरम के राज्यपाल की ADC बनी थीं, लेकिन राष्ट्रपति की ADC बनना अब तक का सबसे बड़ा मुकाम है और यह सम्मान पहली बार यशस्वी सोलंकी को मिला है.
हजारों लड़कियों के लिए बनीं प्रेरणा
यशस्वी की यह सफलता सिर्फ उनके लिए नहीं,बल्कि उन तमाम लड़कियों के लिए एक उदाहरण है जो सेना में करियर बनाने का सपना देखती हैं. उनका यह सफर बताता है कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत ईमानदार हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं.
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