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फोटो 22- सोनीपत के गन्नौर में सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर महंत राजेश स्वरूप महाराज
गन्नौर। सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर महंत राजेश स्वरूप महाराज ने कहा कि 14 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित प्रयागराज महाकुंभ सनातन धर्म का सबसे पवित्र पर्व है। इसका प्रमुख आकर्षण 29 जनवरी को होने वाला अमृत स्नान है, जिसमें दुर्लभ ग्रह संयोग अद्वितीय ऊर्जा का संचार करेगा।
महंत राजेश स्वरूप महाराज ने कहा कि जो श्रद्धालु प्रयागराज नहीं जा सकते, वह सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के कुंभ में स्नान कर समान पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। सतकुंभा धाम सप्तऋषियों की तपोभूमि है जो भारत के 68 प्रमुख तीर्थों में शामिल है। सतकुंभा के तालाब में 67 तीर्थ स्थानों का जल लाकर एकत्रित किया गया है। यह स्नान आत्मिक शुद्धि और पापों से मुक्ति का मार्ग है। सतकुंभा धाम प्रबंधन समिति ने स्नान व पूजा-अर्चना के लिए समुचित व्यवस्था की है। यह पवित्र अवसर सनातन धर्म के मूल्यों, श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक चेतना को सुदृढ़ करता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को इस अवसर का लाभ उठाने का आह्वान किया है।
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Sonipat News: 29 को सतकुंभा धाम में स्नान से मिलेगा अमृत स्नान का फल