सोनीपत। गेहूं बिजाई के रफ्तार पकड़ते ही फसल अवशेष जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। सोनीपत कृषि विभाग को सैटेलाइट से एक ही दिन में गोहाना क्षेत्र में सात जगह पर आग लगाने की लोकेशन मिली। विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर सत्यापान किया तो भावड़ और भादौठी खास के खेतों में पराली जली हुई मिली। पांच स्थानों पर आग लगाने के प्रमाण नहीं मिले।
कृषि विभाग ने संबंधित किसानों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया है। साथ ही उनके नाम रेड एंट्री के रूप में पोर्टल पर दर्ज किया है। अब वह दो वर्ष तक अपनी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं बेच सकेंगे। जिले में फिलहाल धान की किस्म 1121, 1718 और 1885 की कटाई चल रही है।
कुछ किसान गेहूं की बिजाई करने के लिए फसल अवशेषों को जलाना शुरू कर देते हैं जिससे न केवल वायु प्रदूषण और भूमि को नुकसान होता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सुपरवाइजर सुमित व मीनाक्षी मेहरा की टीम को भावड़ और भादौठी खास के खेतों में पराली में आग लगाने का साक्ष्य मिला है।
अब तक 20 लोकेशन मिलीं, चार जगह पर जलाई गईं पराली
इस सीजन में अब तक कृषि विभाग को सैटेलाइट से 20 लोकेशन प्राप्त हुई हैं। इनमें से केवल चार जगह पर फसल के अवशेष में आग लगाने की पुष्टि हुई है। पिछले वर्ष 10 नवंबर तक 53 लोकेशन मिली थीं। विशेषज्ञ का मानना है कि अब दो सप्ताह संवेदनशील रहेंगे। इस दौरान पराली जलाने के मामले बढ़ सकते हैं।
जागरूकता अभियान हुआ तेज
फसल अवशेष जलाने की घटना पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग ने ग्रामस्तर पर जागरूकता अभियान को और तेज कर दिया है। किसानों को बैनर, पोस्टर और गोष्ठियों के माध्यम से फसल के अवशेष को आग लगाने के नुकसान बताए जा रहे हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार पराली जलाने पर पांच हजार से 30 हजार रुपये तक का जुर्माना, एफआईआर और एमएसपी पर बिक्री पर रोक की कार्रवाई की जाएगी।
फसल अवशेष जलाने की घटना पर सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्राप्त सभी लोकेशन का भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई की जा रही है। आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। -डॉ. पवन शर्मा, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।
Sonipat News: सैटेलाइट से मिली सात लोकेश, दो जगह फसल अवशेष जले मिले


