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Sonipat News: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर बन रहे द्वापर जैसा संयोग, अर्धरात्रि रोहिणी नक्षत्र व पुण्यतम योग में मनाएंगे पर्व Latest Haryana News

Sonipat News: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर बन रहे द्वापर जैसा संयोग, अर्धरात्रि रोहिणी नक्षत्र व पुण्यतम योग में मनाएंगे पर्व Latest Haryana News

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चिटाने वाली माता मंदिर के पुजारी पंडित अमित शौनक।

सोनीपत। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्माष्टमी पर्व भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 26 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। वर्षों बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्म के बाद इस साल भी चंद्रमा का वृषभ राशि में प्रवेश रहेगा, इसे शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसा ही संयोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर में बना था।

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चिटाने वाली माता मंदिर के पुजारी पंडित अमित शौनक ने बताया कि सोमवार 26 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना के साथ जन्माष्टमी महोत्सव मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 3:41 बजे से प्रारंभ होकर 27 अगस्त को सुबह 2:21 बजे तक रहेगी। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखकर रात में 12 बजे बाल गोपाल के जन्म के बाद उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि संतान सुख व वंश वृद्धि के लिए भी जन्माष्टमी का व्रत किया जाता है। साथ ही घर में सुख-शांति व संपन्नता का वास होता है। जन्माष्टमी का व्रत रखने से भगवान श्रीकृष्ण सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। अर्धरात्रि व्यापिनी भाद्र, कृष्ण अष्टमी को चंद्रोदय के समय रोहिणी नक्षत्र से संयोग होने पर जन्माष्टमी को श्रीकृष्ण जयंती नामक पुण्यतम योग का निर्माण हो रहा है। जन्माष्टमी पर बाल गोपाल का श्रृंगार कर उन्हें चंदन, अक्षत व रोली का तिलक लगाकर माखन मिश्री व अन्य सामग्री का भाेग लगाना शुभ माना गया है।

सर्वार्थ सिद्धि योग व गजकेसरी योग का होगा निर्माण

जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ गजकेसरी योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सोमवार को दोपहर 3:55 से 27 अगस्त सूर्योदय तक रहेगा। शश राजयोग व गुरु चंद्र युति के कारण गजकेसरी योग का निर्माण होगा। यह दुर्लभ संयोग मेष, वृषभ, सिंह व कुंभ राशि वाले लोगों को विशेष फल देने वाला माना गया है। इस दिन व्रत व दान-पुण्य करने से सभी पाप नष्ट होंगे।

इस प्रकार बन रहा शुभ संयोग

रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त को दोपहर 3:54 बजे से 27 अगस्त को मध्य रात्रि 3:37 बजे तक रहेगा। अर्धरात्रि को रोहिणी नक्षत्र व चंद्रमा वृषभ में विराजमान रहेंगे। जन्माष्टमी पर्व जब भी सोमवार या बुधवार के दिन आता है तो इसे बेहद शुभ संयोग माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण के जन्म का दिन भी बुधवार है। जिस दिन भगवान का नामकरण किया गया था, उस दिन सोमवार था। इस बार जन्माष्टमी का त्योहार सोमवार के दिन रहेगा।

यह रहेगा मुहूर्त

– सुबह 5:58 बजे से 7:34 बजे तक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर व्रत का संकल्प लें।

– शुभ की चौघड़िया – सुबह 9:11 बजे से 10:47 बजे तक।

– सायंकाल अमृत व चर की चौघड़िया – 5:12 बजे से 8:13 तक।

– विशेष रात्रि पूजन एवं लाभ चौघड़िया – 10:59 बजे से 12:24 तक।

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