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सोनीपत में तिरंगा सम्मान संकल्प मुहिम के तहत लोगों से बदहाल तिरंगा एकत्रित करते संस्था प्रधान व
संवाद न्यूज एजेंसी
सोनीपत। तिरंगा शब्द जेहन में आते ही हर व्यक्ति के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत हो जाती है। लोग अक्सर अपने घरों की छतों पर तिरंगा फहराते हैं। खासकर स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त पर देशभर में लोग झंडा लगाकर आजादी का जश्न मनाते हैं। जश्न के बाद सभी की जिम्मेदारी होती है कि लोग राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें और तिरंगे को फिर से ससम्मान रखा जाए। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही खंडित तिरंगों को उतारने के लिए मां भारती रक्तवाहिनी ने पूरी मुहिम चला रखी है। संस्था के सदस्य कटा-फटा तिरंगा देखते ही उसे उतार लाते हैं।
तिरंगा फहराने के कई नियम होते हैं। इसे सहेजकर रखने और उतारने के भी कई नियम हैं। किसी सूरत में खंडित या कटा-फटा तिरंगा नहीं फहराना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के प्रति लोगों में सम्मान व जागरूकता की भावना जगाने के लिए मां रक्तवाहिनी संस्था ने 15 जून 2022 को तिरंगा सम्मान संकल्प मुहिम शुरू की थी। अब छह जिलों सहित दिल्ली में भी इस मुहिम को चलाया जा रहा है। संस्था के सचिव प्रेम गौतम बताते हैं कि उन्हें नहीं पता था कि एक ऑटो से खंडित तिरंगा उतारने के बाद यह मुहिम तेजी के साथ आगे बढ़ेगी और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगी। उन्होंने करीब ढाई साल पहले ऑटो पर खंडित तिरंगा देख उसे उतारा था। उसके बाद जब संस्था के सदस्य मथुरा जा रहे थे तो रास्ते में कई जगह खंडित तिरंगे दिखाई दिए। उसके बाद तो उन्होंने इसे लेकर पूरी मुहिम चला दी।
संस्था के अध्यक्ष विपिन कुमार गौड़ और सचिव प्रेम गौतम ने बताया कि जहां पर भी संस्था को खंडित तिरंगा दिखता है, उसे तुरंत उतारने पहुंच जाते हैं। लोगों को भी जागरूक करते हैं कि किसी सूरत में खंडित तिरंगा न लगाएं। अगर किसी के घर खंडित तिरंगा है तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं। अगर वह या टीम के सदस्य नहीं पहुंच पाते तो उस क्षेत्र में किसी दुकान या परिचित के पास खंडित तिरंगा रखवा देते हैं। इसे बाद में उठाकर उसका निष्पादन कराया जाता है। अब तक वह करीब 8550 खंडित तिरंगे उतार चुके हैं। लोगों को जागरूक करने को साइकिल यात्रा भी निकाली जा चुकी हैं।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज
खंडित तिरंगे उतारने पर संस्था का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। राष्ट्रीय ध्वज के लिए मिले इस सम्मान का श्रेय संस्था मुहिम से जुड़े तिरंगा वीरों को देती है, जिन्होंने गली-गली, गांव-गांव व शहरों में दुकानों, भवनों में जाकर खंडित तिरंगे को ससम्मान उतारा व तिरंगा लगाने के नियमों के बारे में लोगों को समझाया।
छह जिलों के साथ दिल्ली में चल रही मुहिम
संस्था के अध्यक्ष विपिन कुमार गौड़ ने बताया कि मुहिम सोनीपत के साथ ही रोहतक, झज्जर के बहादुरगढ़, हिसार, सिरसा, यमुनानगर, पानीपत सहित दिल्ली के कई स्थानों पर जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। इसके तहत विभिन्न कार्यालयों, भवनों, मकानों की छतों पर लगे 8550 से अधिक खंडित तिरंगों को उतरवाकर निष्पादन के लिए नगर निगम के नोडल अधिकारी को जमा करवाया जा चुका है।
तिरंगे को समेटकर रखने के नियम
तिरंगे को समेटने का भी स्पष्ट नियम है। सबसे पहले तिरंगे को दो व्यक्ति पकड़ेंगे। उसके बाद सबसे पहले हरे रंग वाली पट्टी को मोड़ा जाएगा। फिर केसरिया रंग की पट्टी को हरे रंग की पट्टी पर समेटने के बाद दोनों व्यक्ति अपनी-अपनी ओर तिरंगे को फोल्ड करेंगे। ऐसा करने पर अशोक चक्र ऊपर की ओर आ जाता है। इस तरह से तिरंगे को समेटना चाहिए।
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Sonipat News: खंडित तिरंगे को सम्मान सहित उतारने पहुंच जाते हैं मां भारती रक्तवाहिनी के सदस्य