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Sirsa News: 1968 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे ओपी चौटाला, फिर उपचुनाव में जीते Latest Haryana News

Sirsa News: 1968 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे ओपी चौटाला, फिर उपचुनाव में जीते Latest Haryana News


संवाद न्यूज एजेंसी

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सिरसा। ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर चौटाला परिवार का दबदबा रहा है, लेकिन इसका एक रोचक पहलू यह भी रहा है कि 1968 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला को यहां से हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस हार के बाद उन्होंने विजेता प्रत्याशी के खिलाफ हाईकोर्ट व फिर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकृत करते हुए चुनाव को रद्द कर दिया था। इसके बाद 1970 में इस सीट पर उपचुनाव हुए, जिसमें ओमप्रकाश चौटाला ने जीत हासिल की।

ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर अब तक तीन उपचुनाव हो चुके हैं। 2010 व 2021 के उपचुनाव में इनेलो के अभय सिंह चौटाला जीत चुके हैं, लेकिन 1970 के उपचुनाव के पीछे रोचक कहानी है। मई 1968 को हुए विधानसभा चुनाव में विशाल हरियाणा पार्टी के उम्मीदवार लालचंद खोड़ ने अपने प्रतिद्वंद्वी व कांग्रेस के उम्मीदवार ओमप्रकाश चौटाला को हराया था। यहां हार ओमप्रकाश चौटाला हजम नहीं कर पाए और खोड़ की जीत के खिलाफ पहले हाईकोर्ट की शरण ली और बाद में सुप्रीम कोर्ट भी गए। सुप्रीम कोर्ट ने चौटाला की ओर से लगाए गए आरोपों व साक्ष्य को सही मानते हुए यह चुनाव रद्द कर दिया। इसके बाद 1970 में विधानसभा सीट पर फिर से उपचुनाव करवाए गए। इसमें ओमप्रकाश चौटाला कांग्रेस के बजाय एनसीजे के उम्मीदवार के रूप में उतरे। जबकि लालचंद खोड यह चुनाव नहीं लड़ सके। इस चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला 18746 वोटों से विजेता रहे।

अदालत में यह लगाए थे आरोप

अदालत में लगाई अपनी अर्जी में ओमप्रकाश चौटाला ने चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। व्यक्तिगत चरित्र पर हमला बोलने, एक धार्मिक संप्रदाय की ओर से उनको हराने की अपील करने और विजेता प्रत्याशी खोड़ पर पृथ्वीराज को 20 हजार रुपये नकद देकर चुनाव लड़वाने के आरोप लगाए थे। चुनाव के दौरान एक विवादित इश्तिहार भी प्रकाशित हुआ था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और साक्ष्यों के आधार पर चुनाव रद्द कर दिया।

बड़े भाई से पहले विधायक बने प्रताप चौटाला

ओमप्रकाश चौटाला से छोटे भाई प्रताप सिंह चौटाला इसी सीट से पहले विधायक बने, जबकि ओमप्रकाश चौटाला बाद में। ऐलनाबाद ऐसी सीट है जहां से चौधरी देवीलाल के दो बेटे विधानसभा पहुंचे। 1967 के चुनाव में 28 साल के प्रताप चौटाला विधायक चुने गए। उनके बड़े भाई ओमप्रकाश चौटाला 1970 के उपचुनाव में पहली बार विधायक बनने में कामयाब हुए। 2010 के बाद चौधरी देवीलाल के पोते अभय सिंह निरंतर विधायक चुने जा रहे हैं।

ऐलनाबाद

कब कौन रहा विजयी

1967- प्रताप सिंह चौटाला, कांग्रेस

1968-लालचंद, विशाल हरियाणा पार्टी

1970- उपचुनाव, ओमप्रकाश चौटाला

1972- बृजलाल, कांग्रेस

1977- भागीराम, जनता पार्टी

1982 – भागीराम, लोकदल

1987- भागीराम, लोकदल

1991- मनीराम, कांग्रेस

1996- भागीराम, समता पार्टी

2000- भागीराम, इनेलो

2005- सुशील इंदौरा, इनेलो

2009- ओपी चौटाला, इनेलो

2010- उपचुनाव, अभय सिंह चौटाला, इनेलो

2014- अभय सिंह चौटाला, इनेलो

2019- अभय सिंह चौटाला, इनेलो

2021-उपचुनाव, अभय सिंह चौटाला


Sirsa News: 1968 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे ओपी चौटाला, फिर उपचुनाव में जीते

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