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सीएचसी में मौजूद जनता अधिकार मोर्चा के पदाधिकारी। स्रोत : जनता अधिकार मोर्चा
संवाद न्यूज एजेंसी
ओढां। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ पर महिला की डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। परिजनों ने आरोप लगाए हैं कि स्टाफ की लापरवाही के कारण ही शिशु की जान गई है।
इस मामले को लेकर जनता अधिकार मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष जसविंद्र सिंह बब्बू के नेतृत्व में लोगों ने सीएचसी में पहुंचकर रोष जताया। इसके बाद एमओ डॉ. संजमप्रीत सिंह से मिले। उन्होंने मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल में महिला चिकित्सक की नियुक्ति की भी मांग रखी। एमओ ने उन्हें आश्वस्त किया कि इस मामले में जांच की जाएगी। जांच में अगर कोई लापरवाही सामने आती है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्टाफ नर्स ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
राजू सिंह निवासी गांव सालमखेड़ा ने बताया कि सोमवार को वह अपनी पत्नी गुरप्रीत कौर को प्रसव के लिए सीएचसी ओढां में लेकर आया था। सायं के समय उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद स्टाफ नर्स ने प्रसव करवाया। आरोप है कि समय लगने के चलते शिशु के अंदर पानी चला गया। शिशु की स्थिति बिगड़ने के चलते उसे सिरसा रेफर कर दिया गया। परिजन बच्चे को सिरसा के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां दूसरे दिन उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बच्चे की मौत का कारण स्टाफ नर्स की लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि जब स्टाफ नर्स सही तरह से प्रसव करवाने में सक्षम ही नहीं थी तो प्रसव करवाया ही क्यों। प्रसव करवाने में कोई समस्या आ रही थी तो स्थिति बिगड़ने से पूर्व समय रहते उसे रेफर ही कर देते। स्टाफ की लापरवाही के कारण ही शिशु की जान गई।
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प्रसुता की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। बच्चे के अंदर पानी चले जाने के चलते उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उस समय डॉ. प्रदीप कुमार व नर्सिंग सिस्टर भी मौके पर थे, जिन्होंने प्रयास किए तो बच्चे की सांस एक बार नॉर्मल हो गई। हमारे यहां पर नर्सरी की व्यवस्था न होने के चलते डॉ. प्रदीप ने शिशु को अस्पताल की एंबुलेंस में रेफर कर दिया। इसके लिए मैं बकायदा साथ भी गई थी। इस मामले में हमारी किसी तरह से कोई लापरवाही नहीं है। शिशु की मृत्यु दूसरे दिन हुई। परिजनों द्वारा जो लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं वो सरासर बेबुनियाद है। मैं हर जांच के लिए तैयार हूं। – अनीता (स्टाफ नर्स)
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मैंने मामले की पूरी जानकारी ली है। शिशु की हालत गंभीर होने के चलते उसे सीएचसी से रेफर किया गया था। हमारे यहां पर नर्सरी की सुविधा नहीं है। शिशु की हालत के मद्देनजर स्टाफ नर्स को भी साथ भेजा गया था। अभी तक सीएचसी स्टाफ द्वारा लापरवाही वाली ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। फिर भी हमने मामले के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। – डॉ. सुमित जैन (एसएमओ)
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Sirsa News: सीएचसी स्टाफ पर डिलीवर के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप, जांच की मांग


