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डबवाली रोड पर रात के समय छाई हल्की धुंध। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
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सिरसा। जिला शीतलहर की चपेट में है। काड़के की ठंड के लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हैं। धूप खिलने पर भी लोगों को ठंड से राहत नहीं मिल रही। वीरवार को न्यूनतम तापमान 4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ की मानें तो तापमान में अभी 3 दिन और गिरावट आने के आसार हैं।
क्षेत्र में वीरवार सुबह पाला गिरा। खेतों में पौधों व गांवों की बाहरी सीमा में पाला की हल्की परत जमी देखी गई। दिन में धूप खिली, लेकिन सर्द हवाओं के कारण ठिठुरन बनी रही। वीरवार को अधिकतम तापमान 22 व न्यूनतम चार डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ ङॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले दिनों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड देखने को मिलेगी। वर्तमान परिदृश्य में मैदानी भागों में मौसम की चरम परिस्थितियां बनी हुई हैं। दो दिन पहले जैसे ही पश्चिमी मौसम प्रणाली आगे निकली, वैसे ही हवाओं का रुख उत्तरी हो गया। इसकी वजह से हिमालय की हिमाच्छादित शिखरों से आठ से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सर्द हवा चलनी शुरू हो गई।
उन्होंने बताया कि कई जगह तापमान जमाव बिंदु के नजदीक पहुंच गया है। नोडल अधिकारी डॉ. चंद्रमोहन के मुताबिक दिसंबर के तीसरे और चौथे सप्ताह में सर्दी का प्रकोप बढ़ने की आशंका है।
वहीं ठंड का असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। नागरिक अस्पताल में सर्दी खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की ओपीडी पहले से दोगुनी हो गई है। चिकित्सक मरीजों को ठंड से बचाव के लिए परामर्श के साथ दवा भी दे रहे हैं। सर्द मौसम के कारण रोजाना करीब 100 बच्चे और 80 के करीब प्रौढ़ लोग उपचार के लिए आ रहे हैं। बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी के मरीजों की ओपीडी अचानक तेजी से बढ़ गई है।
जाने कब बनती है शीत लहर की स्थिति
जब ठंडी हवा तेज चलने लगती है और उसकी वजह से तापमान में अचानक गिरावट होती है तो इसे शीत लहर कहा जाता है। शीत लहर स्वास्थ्य के लिए खतरा मानी जाती है। आमतौर पर कह सकते हैं कि ठंड में न्यूनतम तापमान जब 4 से 5 डिग्री सेल्सियस हो जाता है। गंभीर शीतलहर में दिन का तापमान 2.0 डिग्री या इससे नीचे चला जाए। इसे सीवियर कोल्ड वेव भी कहा जाता है।
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Sirsa News: सर्दी का सितम, धूप खिलने के बाद भी लोगों को नहीं मिल रही राहत