जनता भवन रोड स्थित रामलीला ग्राउंड में लीला के मंचन के दौरान रावण-वेदवती संवाद का दृश्य।
सिरसा। जनता भवन रोड स्थित रामलीला ग्राउंड में वीरवार रात 75वें रामलीला महोत्सव का शुभारंभ हुआ। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। रामलीला मंचन में इस बार परंपरागत पर्दों की जगह बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है और एआई तकनीक (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से सभी दृश्यों के पीछे जीवंत दृश्य चलाए गए। मंचन के दौरान जब रावण ने वेदवती को छूने का प्रयास किया तो वह धरती में समा गई और रावण के विनाश का श्राप दिया।
मंचन के दौरान कथा व्यास द्वारा रामचरित मानस के श्लोक व भजनों के माध्यम से वातावरण को और भक्तिमय बना दिया। सर्वप्रथम गणेश वंदना और भगवान विष्णु की आरती के दृश्य भी बेहद शानदार रहे। 1950 में स्थापित क्लब के 75वें प्लेटिनम जुबली समारोह के उद्घाटन अवसर पर भव्य आतिशबाजी की गई और बैंड की धुन के साथ मुख्य अतिथि व अन्य को मुख्य मंच तक लाया गया।
रावण वेदवती संवाद ने मोहा दर्शकों का मन
रामलीला मंचन के पहले दिन रावण व मारीच संवाद दिखाया गया। कैलाश पर्वत पार करते समय रावण का पुष्पक विमान अचानक रुक गया। इस पर रावण ने मारीच से कारण पूछा। मारीच ने कहा कि यह महादेव का निवास स्थान है, यहां से कोई उनकी इच्छा के बिना आगे नहीं जा सकता। तब रावण ने घमंड में चूर होकर अपने बल का बखान किया और कैलाश पर्वत को हटाने की चुनौती देता है।
अथक प्रयास के बाद भी जब कैलाश नहीं हिलता तो रावण पश्चाताप करता है और महादेव से क्षमा मांगता है। जिसके पश्चात शिव उसे प्रसन्न होकर चंद्रहास तलवार भेंट करते हैं। इस दृश्य के बाद रावण-वेदवती संवाद मंचित किया गया। जिसमें ऋषि कन्या को वन में अकेला देख रावण उस पर आसक्त हो जाता है। वेदवती रावण को कहती है कि वह भगवान विष्णु को अपना पति मान चुकी है। रावण जब उसे छूने की चेष्टा करता है तो वह धरती में समा जाती है और उसे श्राप देती है कि वह अगले जन्म में सीता के रूप में धरती पर आएगी और उसके विनाश का कारण बनेगी।
तीसरे दृश्य में मात-पितृ भक्त श्रवण के प्रसंग का मंचन किया गया। जिसमें श्रवण अपने अंधे माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर तीर्थों की यात्रा करवाता दिखाया गया। रास्ते में श्रवण अपने माता-पिता के लिए वन में पानी लेने जाता है। वहां शिकार के लिए आए राजा दशरथ का बाण लगने से श्रवण की मृत्यु हो जाती है। जिसके बाद दशरथ उसके माता पिता को जल देने जाते हैं। जहां श्रवण के माता-पिता उसे श्राप देते हैं कि जिस प्रकार वे पुत्र वियोग में अपने प्राण दे रहे हैं उसी भांति दशरथ भी अपने पुत्र के वियोग में प्राण त्यागेगा। रावण के किरदार में ओम प्रकाश, नंदीगण संजय सोनी, मारीच अरुण मेहता, शिव शुभम खुंगर तथा मनप्रीत कौर ने वेदवती का किरदार निभाया। उमेश मेहता ने श्रवण, अमित मिढ्ढा ने दशरथ की भूमिका निभाई।
रामलीला मंचन के दूसरे दिन शुक्रवार रात को देवताओं का भगवान विष्णु के दरबार में जाना और भगवान राम के जन्म की लीला का मंचन किया गया। रामलीला मंचन के दौरान क्लब के प्रधान अश्वनी बठला, महासचिव गुलशन वधवा, बाबू लाल फुटेला, बंटी डूमरा, श्याम मेहता, ओम प्रकाश मेहता, सुरेश कालड़ा, मनीष ऐलाबादी आदि मौजूद रहे।
Sirsa News: रावण ने छूने का प्रयास किया तो धरती में समाई वेदवती, विनाश का दिया श्राप