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पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता डॉ. अशोक तंवर शनिवार को वार्ड 20 से निर्दलीय प्रत्याशी अमित सोनी व
संवाद न्यूज एजेंसी
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सिरसा
नगर परिषद चुनाव में रविवार को मतदाताओं की बारी है। मतदान से पहले शनिवार की रात सभी पार्टियों व प्रत्याशियों के लिए अहम रही। लोगों के साथ बैठकों का दौर चला। देर रात तक प्रत्याशी व पार्टियों के नेता वोटर को लुभाने में जुटे रहे। हर वार्ड के मौजिज व्यक्तियों से दोनों दलों के नेताओं ने मुलाकात की। यहां भाजपा के नगर परिषद पद के प्रत्याशी वीर शांति स्वरूप और कांग्रेस की जसविंदर कौर में सीधा मुकाबला दिख रहा है।
भाजपा में पन्ना प्रमुख से लेकर मंत्रियों तक की इज्जत दांव पर लगी हुई है। इस बार अगर पार्टी नहीं जीतती है तो भाजपा में बड़े उलटफेर देखने को मिलेंगे। चुनाव में यह भी तय हो जाएगा कि हलोपा के साथ गठबंधन का भाजपा को कितना फायदा हुआ। वहीं, कांग्रेस के आपसी मतभेद के बीच विधायक का प्रयास कौन सा रंग दिखाता है, यह भी पता चल जाएगा। शुक्रवार को कांग्रेस के एक नेता की भतीजी की संगाई में राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा और वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक तंवर सिरसा पहुंचे थे। सिरसा में डॉ. अशोक तंवर ने अपने करीबी व निर्दलीय प्रत्याशी अमित सोनी और उनकी पत्नी नीतू सोनी के लिए वार्ड 20 और 21 में वोट मांगे लेकिन पूरे चुनाव के दौरान वे नगर परिषद अध्यक्ष के प्रचार से दूर ही रहे। कांग्रेसियों के इस मतभेद का चुनाव पर कितना असर पड़ा, यह भी इस चुनाव में तय हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर आप, इनेलो, हलोपा व दो निर्दलीय प्रत्याशी वोट काटू साबित होंगे। यह किस पार्टी का कितना वोट काटते हैं। इसका असर भी चुनावी गणित पर पड़ेगा।
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डेरे का 15 हजार वोट बैंक हार और जीत पर डालेगा प्रभाव
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो 160031 मतों में से 110000 से 120000 के बीच मतदान होने की उम्मीद है। मतदाताओं को घरों से बाहर निकालना चुनौती पूर्ण रहने वाला है। कई वीआईपी बूथ में 55 से 60 प्रतिशत के बीच मतदान रहता है। 10 से 15 बूथों पर मतदान को बढ़ाना सभी के लिए अहम रहेगा। वहीं, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी किसी ओर वोट डालते हैं यह भी मायने रखेगा। डेरा समर्थकों के करीब 15 हजार वोट हैं। यह वोट कांग्रेस को जाता है या भाजपा को जाता है, यह शनिवार की रात को तय हो जाएगा। इसी तरह शहर के गुरुघरों और मंदिरों से किसको समर्थन मिलता है। यह भी हार-जीत में अहम रहेगा।
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गुलाबी और काली ईवीएम होगी हर बूथ पर
प्रधान पद और पार्षद पद के लिए हर बूथ पर दो ईवीएम लगाई गई है। इन ईवीएम की पहचान उनके उपर लगाए गए काले और गुलाबी रंग से होगी। प्रधान पद के लिए जहां गुलाबी रंग की पर्ची उपर लगाई गई है, वहीं काली पर्ची ईवीएम पर पार्षदों के लिए लगाई गई है। बता दें कि 15 साल से ज्यादा पुरानी ईवीएम का प्रयोग भी इन चुनावों में किया जा रहा है।
पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता डॉ. अशोक तंवर शनिवार को वार्ड 20 से निर्दलीय प्रत्याशी अमित सोनी व
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Sirsa News: भाजपा चखेगी जीत का स्वाद या कांग्रेस को फिर मिलेगा जनता का साथ, आज तय करेंगे मतदाता