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संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा
Updated Wed, 02 Apr 2025 11:42 PM IST
सिरसा। अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति संघर्ष समिति के सदस्य सिरसा में प्रर्दशन करते हुए। संवाद
फोटो : 16
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संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने की मांग के लिए बुधवार को अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति संघर्ष समिति सिरसा ने लघु सचिवालय में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति के सदस्यों ने तहसीलदार भुवनेश्वर कुमार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13 में स्पष्ट किया गया है कि संविधान के लागू होने पर 26 जनवरी 1950 से पहले के सभी प्रकार के कानूनी प्रावधान शून्य और अमान्य हो गए थे। इसके बावजूद बिहार सरकार ने बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 आज तक रद्द नहीं किया। इससे बौद्ध अनुयायियों एवं बौद्ध भिक्षुओं में रोष है। ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग की गई कि बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को तुरंत रद्द किया जाए।
हंसराज बौद्ध व अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति संघर्ष समिति के सदस्य भूषण बरोड़,राजकुमार व सोहन लाल ने कहा कि अगर बोधगया मंदिर 1949 एक्ट तुरंत रद्द नहीं किया गया तो देश का समाज आंदोलन के लिए मजबूर होगा। यदि जरूरत पड़ी तो भारत बंद करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। इस मौके पर होशियार सिंह, कमला देवी, राजकुमार व कमल कुमार सहित समुदाय के सैकड़ों लोग मौजूद थे।
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Sirsa News: बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 को रद्द करने की मांग, किया प्रदर्शन