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Sirsa News: बिन पानी सब सून….जमालवासियों को खल रही नहरी पानी की कमी Latest Haryana News

Sirsa News: बिन पानी सब सून….जमालवासियों को खल रही नहरी पानी की कमी Latest Haryana News

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संवाद न्यूज एजेंसी

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चोपटा। नामांकन आखिरी दौर में है। वीरवार को नामांकन का अंतिम दिन होगा। इसके बाद सभी दलों के प्रत्याशियों के साथ निर्दलीय भी चुनाव जीतने के लिए जोर लगाएंगे। ऐलनाबाद हलके के सबसे बड़े गांव जमाल में भी चुनावी सरगर्मियां तेज हैं। हालांकि हलके से बुधवार तक सिर्फ दो प्रत्याशियों ने ही नामांकन दाखिल किया था। जिनमें हरियाणा लोकहित पार्टी के मयंक गिदरा और एक निर्दलीय विक्रम पाल है।

गांव में गांव में जनरल, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, मुस्लिम वोटर सहित सभी जातियों के मतदाता हैं। गांव 20 वार्डों में बंटा हुआ है। गांव की मुख्य समस्याएं नहरी पानी की कमी, पेयजल, ढाणियों में बिजली, युवाओं के लिए रोजगार प्रमुख है। ग्रामीणों के अनुसार गांव में जलघर तो बना हुआ है, लेकिन उमें बनी डिग्गियां अक्सर खाली रहती हैं। जिससे गांव में पीने के पानी की गंभीर समस्या बनी रहती है। इसके लिए ग्रामीणों को कई बार आंदोलन तक करना पड़ा पर समस्या जस की तस बनी हुई है।

ग्रामीण राजेश कुमार, वेदपाल, अशोक कुमार ने बताया कि खेल परिसर में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में युवा इसका पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसके अलावा गांव के वार्ड नंबर 19 और 20 में बनी करीब 125 ढाणियों में बिजली और पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है। जिसको लेकर इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में इन ढाणियों के लोगों ने मतदान का भी बहिष्कार किया था। समस्याओं के समाधान को लेकर ग्रामीण लगातार चार महीने से धरना दे रहे हैं। नहरों के अंतिम छोर पर पड़ने के कारण सिंचाई का पानी बहुत कम मात्रा में पहुंच पाता है, जिससे अधिकतर जमीन की खेती बारिश पर निर्भर है।

गांव में सुविधाएं

गांव में कई प्रकार की सुविधा सरकार ने मुहैया करवाई है, जिनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 132 केवी बिजलीघर, 33 केवी बिजलीघर, पशु अस्पताल, 12वीं तक विद्यालय, सहकारी बैंक, पीएनबी बैंक की शाखा, पुलिस चौकी, ग्राम ज्ञान केंद्र और खेल परिसर बने हुए हैं।

गांव का इतिहास

सिरसा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर राजस्थान सीमा पर चोपटा खंड के गांव जमाल की स्थापना करीब साढ़े 600 साल पहले जैमल बैनीवाल नामक एक व्यक्ति ने की थी। बाद में उसी के नाम पर गांव का नाम जैमल पड़ गया जो बाद में जमाल हो गया। ऐतिहासिक महत्व के यह गांव कई शूरवीरों की धरती रहा है।

-गांव की सबसे बड़ी समस्या नहरी पानी के टेल तक न आने की है। जिसके कारण फसलों को काफी नुकसान होता रहा है। उनकी लंबे समय से मांग रही है कि इस ओर जल्द ध्यान दिया जाए।

-सतपाल निवासी जमाल

-गांव की बड़ी समस्या पीने के पानी की है। पेयजल का संकट हमेशा गांव में रहता है। हर बार गांव के लोग इस बात को राजनेताओं के समक्ष उठाते हैं, लेकिन यह परेशानी आज तक दूर नहीं हुई है।

-देवीलाल, खीचड़

गांव- जमाल

गांव का रकबा – 18000 एकड़

आबादी- 15,000 (करीब)

मतदाता कुल- 7400

महिला मतदाता- 3500

पुरुष मतदाता – 3900

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