कालांवाली। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही गांव तिलोकेवाला की चौपाल पर राजनीति चर्चा तेज हो रही है। गांव की चौपाल में गांव की समस्याओं, पुरानी सरकारों के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों, नए विधायक और आने वाली सरकार के बारे में लगातार चर्चा की जा रही है।
वहां के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हर चुनाव में राजनेता बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन चुनाव बीतने के बाद ही इन नेताओं के सारे दावे खत्म हो जाते हैं। इसी कारण गांव की समस्याएं बरकरार हैं। इसलिए आगामी चुनाव में वह गांव में विकास कार्य करवाने वाले उम्मीदवार को ही वोट देंगे।
गांव के सरपंच प्रतिनिधि मोहन सिंह ने बताया कि उनके गांव में इनेलो राज में सबसे ज्यादा विकास कार्य हुए हैं। इस चुनाव में भी इनेलो राष्ट्रीय दलों को टक्कर दे रहा है। एक सिख और स्थानीय चेहरा होने के कारण मास्टर गुरतेज सिंह को उनके गांव में भरपूर समर्थन मिल रहा है।
पूर्व सरपंच सतेंद्रजीत सोनी ने कहा कि उनके गांव की अधिकतर गलियां कांग्रेस राज में पक्की हुई हैं। कई प्रकार के विकास कार्य हुए। इसके बावजूद एक-दो गलियां कच्ची हैं। कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला के चुनाव जीतने पर इनके भी पक्का होने की उम्मीद है। चौपाल में बैठे बुजुर्ग रघुवीर सिंह ने कहा कि उनके गांव में भाजपा सरकार ने कई विकास कार्य करवाए हैं। गरीबों और किसानों को कई सरकारी सुविधाओं का लाभ मिला है।
चौपाल में बैठे बलबीर सिंह, हरजिंद्र सिंह, बलविंद्र सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरलाल सिंह, सतनाम सिंह, सुखप्रीत सिंह ने बताया कि उनका गांव ज्यादातर खेती पर निर्भर है। इस वजह से उनके गांव में किसान आंदोलन का काफी प्रभाव है। किसानों पर हुए अत्याचार, घटिया किस्म के नरमे के बीज, रसायन और मुआवजा समय पर न मिलने के कारण किसानों में सरकार के प्रति नाराजगी है। गांव में गरीबों को आवास योजना का लाभ न मिलने, स्वच्छ, नहरी पानी की कमी, स्कूल में स्टाफ की कमी, युवाओं के लिए कोई बेहतर खेल सुविधा न होना भी मुख्य मुद्दे हैं। बेरोजगार युवा नशाखोरी के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इससे अपराध भी बढ़ रहा है।
गांव में कुल मतदाता 1,216
गांव तिलोकेवाला में कुल आबादी करीब तीन हजार है। गांव में कुल मतदाता 1,216 हैं। इनमें 659 पुरुष और 557 महिलाएं शामिल हैं। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए गांव के स्कूल और एससी चौपाल में दो बूथ बनाए गए हैं।
Sirsa News: नशाखोरी, बेरोजगारी के बीच गांव तिलोकेवाला में खेल सुविधा की दरकार