सिरसा। नहरों में भले ही पानी आ गया हो, लेकिन इसकी गुणवत्ता बेहद खराब है। नहरों में चार दिन के लिए ही पानी छोड़ा गया है। ऐसे में टेल एंड तक गांवों को पानी नहीं मिल पाएगा। गांवों में जहां पेयजल सप्लाई के बुरे हालात हैं। वहीं, गांवों के सरपंचों को बिजाई की चिंता सताने लगी है। इस संबंध में 18 से 20 गांवों के सरपंचों ने उपायुक्त शांतनु शर्मा से सोमवार को मुलाकात की।
उन्होंने उपायुक्त को मांगपत्र सौंपा कि नहरी पानी बेहद कम हैं। नहरों में कम से कम एक सप्ताह के लिए पानी छोड़ा जाए, ताकि आखिरी छोर तक पानी पहुंच सके। वहीं किसानों को बिजाई के लिए भी पानी उपलब्ध करवाया जाए। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने आश्वासन दिया कि संबंधित विभाग को उनका मांगपत्र भेजकर व्यवस्था करवाई जाएगी।
गांव थिराज, बडागुढ़ा, कुरंगावाली, बुर्जभंगू, भादडा, बुढाभाणा, किराडकोट, जोधपुरखेड़ा, साहुवाला प्रथम, कमाल, सुबाखेडा आदि गांवों के सरपंचों और सरपंच प्रतिनिधियों ने उपायुक्त शांतनु शर्मा से मुलाकात की।
इस दौरान सरपंच कविता रानी, मंदीप डूडी, सरपंच प्रतिनिधि देशराज, सरपंच प्रतिनिधि गुरशरण, सरपंच अश्वनी कुमार, अमरजीत सिंह आदि ने बताया कि बडागुढ़ा खंड की नहरों में पानी कम मात्रा में छोड़ा गया है। इस तरह से लोगों को पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पाएगा। गंदे पानी से जलघर के टैंकों को भरा नहीं जा सकता है।
नहरी पानी से फसलों की सिंचाई करना हुआ असंभव : सरपंचों ने बताया कि सरकार ग्रामीणों को पूरी तरह से पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। एक वक्त था जब 10 से 12 दिन पानी नहरों में रहता था। अब सात दिन कर दिया गया है। एक माह बाद नहर आई है और चार दिन ही नहर को चलाया जा रहा है। इससे किसानों के लिए नहरी पानी से फसलों की सिंचाई करना असंभव हो गया है।