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सिरसा में खाद लेकर जाता ट्रैक्टर चालक।
सिरसा। जिले में गेहूं की बिजाई के बाद फसल को पानी देने के लिए यूरिया खाद की मांग बढ़ने लगी है। किसानों ने गेहूं की फसल में पहले बिजाई के दौरान डीएपी और अब सिंचाई के समय यूरिया के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
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बीते दिनों भी किसानों को मंडी में तीन से चार घंटे कतार में लगने के बाद 10-10 बैग यूरिया मिल पाई थी। लेकिन जिले में अनेक किसान ऐसे हैं जो अब भी यूरिया खाद का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि विभाग के अनुसार सोमवार को यूरिया खाद का नया रैक लगने की संभावना है। जिससे बचे हुए किसानों को यूरिया खाद वितरित की जाएगी।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में अब तक 90 हजार मीट्रिक टन के करीब खाद पहुंच चुकी है और जिसका किसानों को वितरण भी किया जा चुका है। जिले में लगभग 15 फीसदी किसान ही बचे हैं जिनकों खाद की कमी है। आने वाले दिनों में सभी किसानाें काे खाद दे दी जाएगी।
जिले में यूरिया खाद की लागत के हिसाब से विभाग की ओर से 1 लाख 10 हजार मीट्रिक टन की यूरिया खाद की डिमांड की गई है। जो बीते वर्ष के मुकाबले ज्यादा है। गांव मीरपुर और झोपड़ा के किसान लेखराज, गुरदेव सिंह, प्रताप सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल में पहला पानी देने का समय आ चुका है। इसी सप्ताह में अगर गेहूं की फसल में पानी के साथ यूरिया खाद नहीं डाली को फसल को नुकसान हो सकता है। गेहूं की फसल में पहले पानी के साथ यूरिया डालना जरूरी है जिससे फसल की बढ़वार होती है।
जिले में किसानों को खाद की कमी नहीं है। अगर कोई किसान खाद लेने से रह गया है तो आने वाले दो दिनों तक रैक लगेगा तो सभी को खाद मिल जाएगी। किसी को खाद के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। – अमित कुमार, कृषि विभाग, सिरसा।
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Sirsa News: गेहूं की पहली सिंचाई के साथ ही बढ़ी यूरिया की मांग