सिरसा। पहलवानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा, कर्मचारी और अन्य संगठन भाजपा सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका। वहीं प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त पार्थ गुप्ता के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र भेजा।
वीरवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कर्मचारी, युवा, क्लब और कई संगठनों के सदस्य भगत सिंह स्टेडियम में पहुंचे। यहां पर पहले जनसभा की गई। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीत कर देश का नाम रोशन करने वाली एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने भाजपा के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह महिला पहलवान 23 अप्रैल 2023 से दिल्ली के जंतर- मंतर पर धरना दे रही थी। भाजपा सरकार आरोपी सासंद के खिलाफ जांच कर खिलाड़ियों को न्याय देने में विफल रही तो न्यायालय द्वारा आरोपी बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ 2 प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन दुर्भाग्य से दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे बचाने का काम कर रही है । वहीं उन्होंने कहा कि 5 जून तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वह गांव स्तर पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने को मजबूर होंगे। इस माैके पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं प्रितपाल सिद्धू, हमजिंदर सिंह, लक्खा आलिका, राजेंद्र रूपवास, हरदेव जोश, सरपंच नैना झोरड़, बलराज बणी, रघुबीर नकोड़ा, कुलदीप सिंह, गुरतेज बराड़, प्रकाश, महेंद्र शर्मा उपस्थित रहे। वहीं सदस्यों कहा कि सरकार खिलाड़ियों को न्याय दे नहीं तो जनता 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करेगी। उपायुक्त को सौंपे मांग में लिखा कि केंद्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखने की अनुमति दे। महिला पहलवानों के साथ क्रूरता के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और बृज भूषण सिंह को गिरफ्तार कर, तेजी से चार्जशीट दाखिल कर उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। यौन उत्पीड़न के आरोपी हरियाणा के मंत्री को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जाए। इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के घटक अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहां, राष्ट्रीय किसान मंच, पगड़ी संभाल जट्टा, भारतीय किसान यूनियन और अखिल भारतीय किसान किसान सभा, किसान, मजदूर, नौजवान, महिला और कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन किया।
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