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नरेश बैनीवाल
चोपटा। राजस्थान की सीमा से सटे बैनीवाल पैंतालीसा क्षेत्र में 75 हजार वोट हैं। जिस प्रत्याशी को बैनीवाल पैंतालीसा का साथ मिल जाए, ऐलनाबाद में उसकी स्थिति मजबूत मानी जाती है। इस बार ऐलनाबाद से इनेलो, कांग्रेस, भाजपा, जजपा व आप ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। इनेलो से यहां अभय सिंह चौटाला और कांग्रेस से भरत सिंह बैनीवाल चुनाव मैदान में हैं। बैनीवाल पैंतालीसा में इन दोनों ही नेताओं और उनके परिवार के आधार वोट हैं।
ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 90 हजार मतदाता हैं। ज्यों ज्यों विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का समय नजदीक आ रहा है, त्यों त्यों ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी चर्चा जोर पकड़ती जा रही है। हर कोई प्रत्याशी की मजबूती व कमजोरी का आंकलन करने में लगा हुआ है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि इबकी बार तो हरियाणा म्ह मुकाबला जोर का है। बैरा कौनी कौण-सी पार्टी बाजी मारज्या।
पैंतालीसा क्षेत्र इनेलो का गढ़ रहा है। यहां के लोग देवीलाल परिवार से गहराई से जुड़े हुए हैं। अभय चौटाला को चुनाव में यहां से अच्छी लीड मिलती रही है। इसी तरह बैनीवाल पैंतालीसा में भरत सिंह बैनीवाल का भी प्रभाव रहा है। यह परिवार ही इस क्षेत्र में इनेलो को टक्कर देता है। इस बार भरत सिंह बैनीवाल के साथ उनके भाई की पत्नी संतोष बैनीवाल भी मजबूती से डटी हैं। संतोष बैनीवाल की किसानों के बीच अच्छी पकड़ है। किसान आंदोलन और फसलों के मुआवजे के लिए हुए आंदोलन में उन्होंने न सिर्फ किसानों का पुरजोर समर्थन किया था, वरन कई दिन तक धरने पर भी बैठी थीं।
इसके अलावा सरपंच एसोसिएशन में प्रमुख पद पर होने का लाभ भी उनको मिलने की उम्मीद है। हालांकि देवीलाल परिवार की तरह बैनीवाल परिवार में भी फूट है। पवन बैनीवाल ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर अभय का साथ देने का एलान किया है। संवाद
बैनीवालों के बड़े गांव दिलाते हैं बड़ा मार्जिन
राजस्थान की बीकानेर रियासत के राजा ने बैनीवालों को 45 गांव दिए थे। इनमें से करीब 35 गांव ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में हैं। इनके बड़े गांव जमाल और माधोसिंघाना में सात-सात हजार से अधिक मतदाता हैं। चाहरवाला, कागदाना और दड़बा कलां में भी 3500 से ज्यादा वोटर हैं। किसानों के मुद्दे पर यहां वोट पड़ते हैं। अभय चौटाला और भरत सिंह बैनीवाल दोनों की किसानों के पक्षधर हैं। आंदोलन में भी साथ रहे हैं, ऐसे में वोट का बंटवारा होने की बात से इन्कार नहीं किया जा सकता।
रोजगार व किसानी बड़ा मुद्दा
ग्रामीण सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से भी चुनाव की अपडेट पर नजर जमाए हुए हैं। युवा व बुजुर्गों की निगाहें चुनावी समीकरणों पर हैं। पैंतालीसा में भी इस बार युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के लिए नहरी पानी, खाद बीज व फसलों के उचित भाव आदि मुख्य मुद्दे हैं। चोपटा के पवन का कहना है कि ऐलनाबाद इस बार इनेलो, कांग्रेस, भाजपा, जजपा और आम आदमी पार्टी सबने अपने उम्मीदवार उतारे हैं पर मुकाबला दो में ही है। बैरा कौनी कौण-सा बाजी मारज्या। क्षेत्र में सेम की समस्या का हल, नहरी पानी, फसलों के उचित भाव, खाद-बीज समय पर व उचित मूल्य पर उपलब्ध करवाने वाले प्रत्याशी का चयन होगा। वहीं, विनोद कुमार राव और नाथूसरी कलां के पवन कुमार का कहना है कि हमारा नुमाइंदा साफ छवि का होना चाहिए। बिना किसी भेदभाव के काम करवाने वाला होना चाहिए। आपराधिक प्रवृति वाले व्यक्ति का चयन नहीं करना चाहिए।
जय जवान, जय किसान के नारे को सार्थक करने वाले ही पसंद
भागीरथ ढिल्लो, अजय सिहाग का कहना है कि झूठे वादे व जुमले वाले नेताओं का चयन नहीं होना चाहिए। किसानों, मजदूरों, युवाओं, महिलाओं के बारे में अच्छी सोच रखने वाले प्रत्याशी को वोट करेंगे। जो जय जवान-जय किसान के नारे को सार्थक करेगा उसका ही चयन होना चहिए।
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Sirsa News: इबकी बार तो हरियाणा म्हैं मुकाबला जोर का है, बैरा कोनी कौण-सी पार्टी बाजी मारज्या