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Sirsa News: आवारा कुत्तों के टीकाकरण के लिए लगाई 39 लाख रुपये की निविदा Latest Haryana News

Sirsa News: आवारा कुत्तों के टीकाकरण के लिए लगाई 39 लाख रुपये की निविदा Latest Haryana News

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सांगवान चौक के पास लेटा कुत्ता।  संवाद

संवाद न्यूज एजेंसी

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सिरसा। शहर के पॉश इलाके समेत कई कॉलोनियों में बड़ी तादाद में आवारा कुत्ते घूम रहे हैं। यह कुत्ते राहगीरों समेत सुबह, शाम घूमने जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को काट चुके हैं। इनमें से कई लाग सरकारी अस्पताल में आकर टीके लगवा चुके हैं। प्रभावित लोगों ने कुत्तों के टीकाकरण की मांग की है। इसलिए नगर परिषद प्रशासन ने कुत्तों के टीकाकरण के लिए छठी बार 39 लाख रुपये की निविदा आमंत्रित की है।

नागरिक अस्पताल में रोजाना 30 लोग रेबीज से बचाव का टीका लगवाने आते हैं। इसमें से रोजाना 12 से 15 नए मामले कुत्ते के काटने के होते हैं। पूरे जिले में कुत्तों के काटने के रोजाना 40 से 60 के बीच मामले आ रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग निजी अस्पतालों में भी रेबीज से बचाव का टीका लगवाते हैं। ऐसे में प्रशासन ने जिले में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करवाने का फैसला लिया है।

नगर परिषद ने जनवरी में कुत्तों के टीकाकरण के लिए निविदा आमंत्रित की थी लेकिन कोई एजेंसी इन नियमों को पूरा नहीं कर पा रही थी। इस कारण निविदा रद्द कर दी गई। नगर परिषद के आंकड़ों के अनुसार शहर में 1,000 से 1,500 तक बेसहारा कुत्ते हैं। निविदा के 36 नियमों की सूची जारी की गई है। ठेका लेने वाली एजेंसी को इन नियमों को पालन करना होगा।

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कुत्ते के काटने पर लगते हैं चार टीके

कुत्ते के काटने पर पहला टीका तुरंत बाद, दूसरा टीका तीन दिन बाद, तीसरा टीका सात दिन बाद और चौथा टीका 28 दिन के बाद लगवाना होता है। सरकारी अस्पताल में रेबीज से बचाव का टीका 100 रुपये में लगाया जाता है जबकि बीपीएल कार्ड धारक के लिए यह सेवा मुफ्त है, जबकि निजी अस्पतालों में यही टीका 600 से 700 रुपये में लगाया जाता है।

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यह हैं निविदा की मुख्य शर्तें

1. ठेकेदार को एक वर्ष के लिए टेंडर दिया जाएगा।

2. छह माह से कम उम्र के कुत्तों की नसबंदी नहीं होगी।

3. ठेकेदार टेंडर को सबलेट (किसी दूसरे को देना) नहीं कर सकेगा।

4. वेटरनरी चिकित्सक का प्रबंध ठेकेदार को अपने स्तर पर करना होगा।

5. कुत्तों के पकड़ने के साधन और दवाओं का प्रयोग ठेकेदार स्वयं करेगा।

6. कंपनी के पास एनिमल वेलफेयर ऑफ इंडिया का प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।

7. ठेकेदार को ठेका मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर इकरारनामा जमा करवाना होगा।

8. ठेकेदार जिन कर्मचारियों से कुत्ते पकड़वाने का काम करवाएगा, उन्हें इसका अनुभव होना जरूरी है।

9. कुत्तों को पकड़ने के दौरान कोई निर्दयता नहीं होनी चाहिए। सरकार के निर्देशानुसार ही एजेंसी कुत्ते पकड़ेगी।

10. सभी पकड़े गए कुत्तों का पंजीकरण किया जाएगा। ऑपरेशन के बाद कुत्तों को पकड़े गए स्थान पर छोड़ना होगा।

शहर में आवारा कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। कुत्तों के काटने के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा। -अतर सिंह खनगवाल, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, फतेहाबाद।

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