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दिवंगत चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के साथ उनके राजनीतिक सचिव रहे ओपी सिहाग।
चोपटा (सिरसा)। चौटाला साहब समय के पाबंद थे। सारे साधन उपलब्ध होते हुए भी वे अक्सर रोडवेज की बसों में भी सफर करते थे। बात सितंबर 1988 की है, मैं ओमप्रकाश चौटाला के साथ दिल्ली से बस में हिसार आया था। रात को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में अपने दोस्तों के पास रुकने चला गया। चौटाला साहब ने मुझे अगली सुबह 8 बजे हिसार बस स्टैंड पर बुलाया था। हालांकि मैं आधा घंटा लेट 8.30 बजे पहुंचा। चौटाला साहब ने सिरसा जाने वाली दो बसें भी छोड़ दीं। उन्होंने बगैर नाराजगी से कहा कि ओपी जिंदगी में समय बहुत क़ीमती होता है उसकी कद्र करना सीखो। यह किस्सा चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के अतिरिक्त राजनीतिक सचिव रहे ओपी सिहाग कुम्हारिया ने साझा किया है।
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जजपा नेता सिहाग ने कहा कि उन्हें दिवंगत चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के सानिध्य में 1987 से लेकर 1990 तक काम करने का अवसर मिला था। जब वे लोकदल के मुख्यालय रोहतक में पार्टी के कार्यालय सचिव थे, तब चौधरी ओमप्रकाश चौटाला प्रदेशाध्यक्ष थे। जब ओमप्रकाश चौटाला दिसंबर 1989 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो वे उनके अतिरिक्त राजनीतिक सचिव थे। सिहाग ने बताया कि चौधरी साहब की जीवनशैली बहुत ही साधारण थी, वो सादा तथा सात्विक भोजन करते थे। उनका लिबास भी बहुत साधारण धोती-कुर्ता होता था। उनकी गजब की याद्दाश्त थी। उनको पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं एवं अन्य लोगों के नाम तथा उनके टेलीफोन नंबर तक याद थे।
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Sirsa News: आधा घंटा लेट आने पर जब ओपी सिहाग से चौटाला बोले- जिंदगी में समय बहुत क़ीमती होता है उसकी कद्र करना सीखो