चौटाला में लोगों को संबोधित करते समय अपने आंसू पौंछते आदित्य चौटाला। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। आदित्य देवीलाल रविवार को इंडियन नेशनल लोकदल में शामिल हो गए हैं। गांव चौटाला में एक रैली करके उन्होंने इसकी घोषणा की। इस दौरान वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मेरे सपने टूट चुके हैं, मैं टूट गया हूं। मैंने 10 साल आपकी सेवा की है और आगे भी मैं सारी उम्र आपकी सेवा करूंगा। मुझे आशीर्वाद दीजिए।
इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि सिरसा जिले की सारी जिम्मेदारी अब आदित्य की होगी। इसके पास कोई काम के लिए आएगा तो समझो मेरे पास आया है। अगर यह नहीं मिलेगा तो इसका कान पकड़कर आपके बीच ले आऊंगा।
अभय चौटाला ने आदित्य देवीलाल को डबवाली से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने दावा किया कि इनेलो एक बार फिर से नया इतिहास बनाएगी और सिरसा जिला की पांचों सीटों पर जीत हासिल करेगी। आदित्य सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
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डबवाली से 2019 में आदित्य को मिले थे 51 हजार वोट
आदित्य देवीलाल ने साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर डबवाली विधानसभा से चुनाव लड़ा था और 51 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। आदित्य देवीलाल साल 1996 में राजनीति में सक्रिय हुए। उस समय उनके दादा चौधरी देवीलाल ने रोहतक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। आदित्य चौटाला 2014 में भाजपा में आए थे। मार्च 2019 में आदित्य को हरियाणा स्टेट कोऑपरेटिव एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड का चेयरमैन बनाया था। अगस्त 2020 में आदित्य को पार्टी का सिरसा जिला इकाई का अध्यक्ष बना दिया। वैसे भी डबवाली विधानसभा क्षेत्र में इनेलो का अपना एक दबदबा रहा है। इनेलो के टिकट पर डबवाली से तीन बार मनीराम व दो बार डाॅ. सीताराम विधायक रह चुके हैं। 2009 और 2014 में भी डबवाली सीट पर इनेलो को जीत मिली।
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भाजपा ने आदित्य पर कसा तंज, धोखा देना कॅरिअर के लिए आत्मघाती साबित होगा
भाजपा नेता आदित्य चौटाला के पार्टी छोड़ने पर टिप्पणी करते हुए भाजपा के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सतीश जग्गा ने कहा कि, तूफान अधिक हो तो कश्तियां डूब जाती हैं और अहम ज्यादा हो तो हस्तियां डूब जाती हैं । भाजपा छोड़ने का निर्णय लेकर आदित्य ने बड़ी चूक की है। इनेलो छोड़कर जब आदित्य भाजपा में आए थे तो वो इनेलो को देशद्रोही पार्टी मानते हुए भाजपा को अपनी मां की संज्ञा देते थे। दस वर्षों में भाजपा ने आदित्य को तराशने का काम करते हुए तीन बार प्रदेश के बोर्ड का अध्यक्ष बनाया, एक बार जिला पार्षद बनाया तो एक बार विधानसभा का टिकट दिया। करोड़ों रुपये के विकास कार्य इनके अनुमोदन पर करवाए। ऐसा मान सम्मान किसी दूसरे दल में आदित्य को नहीं मिलेगा। भाजपा को मां कहकर धोखा देना आदित्य के कॅरिअर के लिए आत्मघाती कदम साबित होगा।
Sirsa News: आदित्य देवीलाल इनेलो में शामिल, मंच पर हुए भावुक बोले- टूट चुका हूं, आप मेरा साथ दो